Home » कई बलात्कारी जेल से बाहर आ गए हैं।

कई बलात्कारी जेल से बाहर आ गए हैं।

by Samta Marg
0 comment 56 views
कई बलात्कारी जेल से बाहर आ गए हैं।

कई बलात्कारी जेल से बाहर आ गए हैं।

कई बलात्कारी जेल से बाहर आ गए हैं।

 

कई बलात्कारी
जेल से बाहर आ गए हैं।
मेरे शहर के एक हिस्से में
दीप जले हैं
गलियों में मिठाई बंटी है
बलात्कारियों की जय-जय कार हो रही है

दीवाली नजदीक है
श्री राम आने वाले हैं
मैंने दीये भिगोए हैं
मिठाई बन रही है
घी बनाया है
उससे पहले
कई बलात्कारी आ गए है

मुझे कोई भ्रम नही
जनता को भ्रम है
श्री राम के बदले बलात्कारियों का आना
दीवाली होने लगा है अब

मुझे कोई भ्रम नही
कि श्री राम के बहाने
श्री राम की आड़ में
राजनीति
बलात्कारियों के पक्ष में खड़ी है

श्री राम
बलात्कारियों को दंड देते हैं
श्री राम के नाम वाली सियासत
बलात्कारियों का सत्कार करती है

दीये की लौ में
पीड़ित लड़कियों
दमित लोगों के चेहरे दिखाई दे रहे हैं
दीये में तुमने
घी नही
पीड़ितों का खून भरा है

शर्म न सत्ता की आंख में है
न सत्ता के दुमकारों की आंख में
और दीये
किसी बलात्कारी की शान में जलने को बाध्य है

सत्ता जब घिनोनी हो जाए
दीये अपनी ही लौ में आत्महत्या कर लेते हैं

-वीरेंदर भाटिया

कविता नही ये प्रतिरोध है
आओ प्रतिरोध दर्ज करवाएं

( क्षमा याचना के साथ स्वसंपादित )
(द्वारा: विनोद कोचर)

 

Also Read:

महिला श्रम – कार्यबल पर शोध – कार्य को नोबेल

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!