Home » डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था -इतिहास भी दुख

डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था -इतिहास भी दुख

by Samta Marg
0 comment 49 views

डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था-

“इतिहास भी दुख का कारण है।

लेकिन दुख ही के कारण यह फैसला करना कि जो कुछ भी उन 700 बरसों में हुआ, उसका अब नाश करो, ध्वंस करो, तोड़ो-फोड़ो, मिटाओ, जो गजनी और गौरी ने किया, उसका बदला आज के मुसलमानों से चुकाओ, तो यह एक भयंकर भूल होगी।

लेकिन यह चीज चल ही रही है।और उसके साथ साथ, आज के मुसलमान भी सोचते हैं

डॉ राममनोहर लोहिया

 कि वे गजनी गौरी की औलाद हैं।

इसपर बहुत तफसील में न जाकर मैं खाली दो जुमले कहे देता हूँ।मैं जानता हूँ कि अगर ये दो वाक्य हर हिंदुस्तानी बच्चे के दिमाग में, हिन्दू और मुसलमान बच्चे के दिमाग में घुस जाएं, और अगर रेडियो, हरेक अखबार और प्रचार के सभी साधनों में इन दो वाक्यों को जगह मिले तो एक जबरदस्त तहलका मचेगा तथा हिन्दू-मुसलमान एका का युग शुरू होगा।

वे वाक्य हैं–

” जो हिन्दू रजिया, शेरशाह, जायसी और रहीम को अपना पुरखा मानने से इंकार करता है, वह हिन्दू हिंदुस्तान की आजादी की कभी रक्षा नहीं कर सकता; और जो मुसलमान गजनी, गौरी और बाबर को अपना पुरखा मानता है और उन्हें विदेशी हमलावर व लुटेरा कहने से इंकार करता है वह मुसलमान आजादी का मतलब नहीं समझता एवं आजादी की कभी रक्षा नहीं कर सकता। “

सिर्फ ये दो जुमले पिछले सात सौ आठ सौ वर्ष के इतिहास को पचाकर हम सीख जाएं तो न जाने कितनी बड़ी बात होगी”(डॉ. लोहिया ने 17दिसंबर1960 , कोटा में कहा था)

–विनोद कोचर–

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!