पूरे चुनाव में बाहुबल और धनबल के जरिए लोकतंत्र को लूटने की हूई कोशिश, चुनाव आयोग ने भी मूंदी आंखें
पहली बार चुनाव में खुलेआम दोनों दलों ने बांटे कपड़े ,नगद नोट, मिठाई और अन्य सामान
इंदौर। सोशलिस्ट पार्टी इंडिया ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस ने जिस तरह से चुनाव में खुलेआम धनराशि, साड़ियां, कपड़े, बर्तन, पायजेब, टीवी, फ्रीज, शराब आदि बांटी है, वह लोकतंत्र की लूट है ।
चुनाव आयोग ने भी इन सब हरकतों को देखते हुए भी अनदेखा किया है ,जो अत्यंत घातक है।
जनता को इस बात पर विचार करना चाहिए की जो प्रत्याशी केवल विधायक बनने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं, वे जनता की सेवा क्या करेंगे ।
इंदौर के वरिष्ठ समाजवादी नेता सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामबाबू अग्रवाल और सोशलिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने मतदान की पूर्व संध्या पर जारी बयान में कहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मध्य प्रदेश में सत्ता प्राप्ति के लिए सभी नैतिक मानदंडों का उल्लंघन करते हुए येन केन प्रकारेण चुनाव जीतना चाहते हैं ।
जिसके चलते पूरे चुनाव में धनबल और बाहुबल के जरिए लोगों के वोट ख़रीदने की कोशिशें हुई है । चुनाव आयोग ने भी इन सब हरकतों को अन देखा कर लोकतंत्र को मजाक बना दिया है ।
आपने कहा कि इंदौर शहर के लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपए के कपड़े, साड़ियां ,शराब, नगद रुपए के लिफाफे, मिठाई बांटी गई है ।वहीं हर क्षेत्र में अखंड भंडारे के आयोजन भी हुए ।
इंदौर के जन-जन को प्रत्याशियों द्वारा बांटी गई इन सामग्रियों की जानकारी है, फिर चुनाव आयोग के तमाम पर्यवेक्षकों ,अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं होना आश्चर्यजनक है ।
आपनेकहा कि इस बार विधानसभा चुनाव सबसे ज्यादा खर्चीले है, एक-एक विधानसभा का खर्च 50 से लेकर 100 करोड़ तक का दिखाई दे रहा है।
जिसमें पहली बार अरबपतियों द्वारा बेहिसाब जनता में पैसे बांटे जा रहे हैं किसी भी नाम पर आयोजन भजन, भंडारे, माता का गरबा, ड्रेस खेलकूद एक उम्मीदवार ने तो खेलकूद के नाम पर इनाम बांटने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए ।
अलग-अलग तरीके से अलग-अलग उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए खर्च कर रहे हैं ।
चुनाव आयोग ने पहले ही बहुत बड़ी सीमा बढ़ा रखी है फिर भी कोई कंट्रोल नहीं है खर्चे पर चुनाव आयोग की टीमों का डर भी नहीं है ।
इंदौर शहर में हलवाई, कैटर्स जो खाना बना कर हजारों आदमियों का सामान ले जाकर बनाकर चले जाते हैं चुनाव आयोग तो बस कहां से कितना सामान आ रहा है उसकी भी गणना कर ले तो हर प्रत्याशी के चुनाव खर्च की सीमा पार हो जाएगी।
श्री अग्रवाल और श्री मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो में बसों से महिलाओं को क्यों लाया गया और साड़ियां किसकी तरफ से बांर्टी गई, यह भी जांच का विषय है और उन सबको साड़ी दी गई ।
हजारों महिलाओं को बस टेंपो से लाकर बड़े गणपति, खजूरी बाजार, गोपाल भवन, मल्हारगंज में छोड़ा गया।
यह सब क्या चुनाव आयोग ने नहीं देखा। या फिर चुनाव आयोग सत्तारूढ दल को सत्ता के दुरुपयोग की खुली छूट दिए हुए हैं ।
नेता द्वय ने जनता से अपील की है कि वे मतदान करने से पूर्व इस बात पर विचार करें की जो लोग आज करोड़ों रुपए खर्च कर येन केन प्रकारेण चुनाव जीतना चाहते हैं, उनसे प्रदेश के विकास, जन समस्याओं का समाधान और जनता की भलाई की उम्मीद कैसे की जा सकती है ।
अतः सोच समझकर मतदान करें और योग्य सेवा भावी तथा जनता के लिए संघर्ष करने वाले प्रत्याशियों को विजयी बनाएं ।
रामबाबू अग्रवाल ,रामस्वरूप मंत्री