स्वराज सत्याग्रह यात्रा: स्वच्छता की खुलती पोल: चामुंडा धाम परिसर में मोक्ष धाम:
कल यानी 23 अक्टूबर को हमें एक अंतेष्ठि में जाना हुआ! श्रद्धा सुमन अर्पित किए!
हम चामुंडा मंदिर में स्तिथ मोक्ष धाम में दो तीन बार गए हैं यहां अक्सर हर दिन अंतिम संस्कार होते रहते हैं क्योंकि इसके आस पास के ज्यादातर गांव के लोग यहीं पर अंतिम संस्कार करते हैं!
चामुंडा मंदिर ट्रस्ट की तरफ से यहां पर व्यवस्थाएं की हैं पर इसमें और सुधार की गुंजायश है!
एक तो यहां पर लकड़ी की उचित व्यवस्था नहीं है और लोग अपने पुराने रीति रिवाज के मुताबिक अपने स्तर पर लकड़ी का प्रबंध करते हैं और देखा गया कि जंगल से हरे पेड़ चील इत्यादि के काटते हैं जो इनके प्रांपरिक अधिकार हैं!
इससे गीली लकड़ी पर्यावरण प्रदूषण के साथ ज्यादा भी लगती है और देर भी लगती है! अतः चामुंडा मंदिर ट्रस्ट को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए!
दूसरा जो वाहन के लिए सड़क बनी है बहुत ही संकरी है यानी जीप योग्य सड़क है तो इसमें दो व्हीकल क्रॉस नहीं होते हैं अतः लोगों को बहुत असुविधा होती है !
चामुंडा मंदिर के लिए भी बहुत से यात्री इस सड़क का इस्तेमाल आने जाने के लिए करते हैं अतः इसे खुला करने की जरूरत है!
अभी अभी नवरात्र के पर्व हुए हैं और चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था और बाहर के यात्री यहां पर रात ठहराव भी किए हैं!
देखने में आया कि दाढ़ से मोक्षधाम को जाने वाली इस सड़क पर लगभग पांच छः सौ मीटर तक दोनों तरफ यात्रियों ने खुले में शौच कर बहुत ही गंदगी फैलाई हुई है पैदल चलना बहुत मुश्किल हो रहा है!
क्योंकि यह रास्ता सुनसान है इसलिए लोग रात के अंधेरे में शौच करते हैं! चामुंडा मंदिर एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है यहां पर शौचालय की उचित व्यवस्था होना बहुत जरूरी हैं!
मंदिर ट्रस्ट सरकार के नियंत्रण में है अतः सरकार को इसके लिए उचित प्रबंध किए जाने हैं! यात्रियों को भी चाहिए कि इस प्रकार से गंदगी न फैलाएं!
ऐसे ही कांगड़ा मंदिर के बंडेर खड्ड में बनें धाम के बारे भी सुनने को मिल रहा है!
हमारा जिला प्रशासन से अनुरोध रहेगा कि मंदिरों के आस पास यात्रियों की सुविधाओं का विशेष प्रबंध सुनिश्चित हो!
क्योंकि धार्मिक आस्था होने की वजह चिंतपूर्णी ज्वालाजी कांगड़ा माता और चामुंडा मंदिर के साथ बैजनाथ शिव मंदिर में देश के कोने कोने से और विदेशों से भी श्रदालु यहां पर आते हैं!
वर्तमान सरकार कांगड़ा को पर्यटन के लिए विशेष ध्यान दे रही है और ये मंदिर पर्यटन में मुख्य भूमिका में हैं! अतः यहां पर परिवहन के साथ ठहरने की उचित व्यवस्था होना जरूरी है!
हम जिलाधीश से निवेदन कर रहे हैं कि इस तरफ विशेष ध्यान दिया जाए!
डॉ. अशोक कुमार सोमल
स्वराज सत्याग्रही
विश्व शांति प्रेमी
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