स्वराज सत्याग्रह यात्रा:
जिला परिषद कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल
हिमाचल प्रदेश के जिला परिषद कैडर के 4700 कर्मचारी 30 सितंबर 2023 से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं!
जिला परिषद कैडर एक बहुत बड़ी सरकार की एनोमली है!
जिन्हें सरकार सरकारी कर्मचारी नहीं मानती है! यह राजनीतिक नासमझी की जीती जागती मिसाल है!
1999 से पहले पंचायत सहायक से शुरू हुई फिर पंचायत तकनीकी सहायक फिर पंचायत राज जेई की भर्तियां की गई!
धीरे धीरे कर्मचारियों के आंदोलनों की बदौलत उन्हें स्थाई तो किया गया और पे स्केल भी मिले पर जब भी प्रदेश के कर्मचारियों के पे स्केल बढ़े तो इन कर्मचारियों को अपने हक के लिए आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ा!
अब क्योंकि प्रदेश के कर्मचारियों को नया पे स्केल मिला तो फिर इन कर्मचारियों को प्रदेश सरकार अपना कर्मचारी मानने से इंकार कर इन्हें नए पे स्केल और पेंशन बेनिफिट देने से कतरा रही है
अतः ये कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं
परसों यानी 10 अक्टूबर को हम फतेहपुर ब्लॉक कार्यालय में धरने पर बैठे कर्मचारियों से मिलेऔर उनसे विस्तृत जानकारी प्राप्त कर उन्हें
स्वराज इंडिया पार्टी हिमाचल प्रदेश का सचिव होने के नाते अपना समर्थन दिया!
हमारा मानना है कि जिला परिषद कैडर सरकारी कर्मचारी ही हैं इन्हें सरकार क्यों हिमाचल सरकार के कर्मचारी नहीं मानते हैं !
यह इनके साथ नाइंसाफी है ठीक है कि राजनीतिक कारणों से इन्हें अलग से भर्ती किया गया है जिसकी जड़ तक जाना अभी जरूरी नहीं है पर किसी भी वर्ग से अन्याय नहीं होना चाहिए!
पंचायती राज संस्थाएं प्रदेश के विकास के लिए बहुत जरूरी हैं अतः इसका एक वर्ग असंतुष्ट रहने का मतलब है कि विकास में बाधा उत्पन्न होती रहेगी!
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हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि जिला परिषद कैडर को पंचायती राज कैडर में समाहित कर इन्हें सरकारी कर्मचारी की तरह पूरे लाभ दिए जाएं!
प्रदेश के 4700 कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र हल कर पंचायतों में विकास के कामों में आ रहे व्यवधान का शीघ्र हल किया जाना बहुत ही जरूरी है!