9 जनवरी। “पानी छीना माटी छीनी उन्हें अनाजों से मरहूम किया, इन पर तुम्हारा हक्क नहीं फिर भी पूरा अधिकार किया।
शिक्षा तो तुम्हारी नहीं थी पर इससे भी उन्हें मोहताज किया, उनकी हर चीजों पर बस तुमने अपना अधिकार किया।।”
उक्त कड़वी हकीकत का हाशिये पर खड़ा दलित, आदिवासी समुदाय हर रोज सामना कर रहा। आए दिन जाति के आधार पर अपमान और उत्पीड़न खबरें आती हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के सीधी जिले का है, जहाँ जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर एक दलित छात्र ने आत्महत्या कर ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामपुर (सैकिन) थाना क्षेत्र के पड़खुरी गाँव के 8वीं कक्षा के छात्र अमित प्रजापति ने जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर खुदकुशी कर ली।
मृतक अमित के परिजनों ने मीडिया के हवाले से बताया, कि नवोदय विद्यालय चिरहुट सर्रा में अमित के क्लास टीचर और हाउस मास्टर अजीत पांडे अमित के साथ जातिगत आधार पर भेदभाव करते थे। वे उसके लिए नीची जाति, गंदी नाली के कीड़े आदि अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते थे। हमने जब इसकी शिकायत कक्षाध्यापक से की तो वे कहने लगे कि हम बच्चे को इसलिए डांटते हैं, कि वह पढ़ने लिखने पर ध्यान दे, नाम रोशन करे। मृतक छात्र ने भी सुसाइड नोट के जरिये अध्यापक पर गंभीर आरोप लगाया है। इधर प्रशासनिक अधिकारियों ने मीडिया के जरिये बताया कि आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर उच्चस्तरीय जाँच चल रही है।