Home » भारत में मानवाधिकारों की दशा पर यूरोपियन यूनियन ने चिंता जताई

भारत में मानवाधिकारों की दशा पर यूरोपियन यूनियन ने चिंता जताई

by Rajendra Rajan
0 comment 18 views

17 अप्रैल। यूरोपियन संसद की एक समिति ने भारत में मानवाधिकारों की लगातार बिगड़ रही हालत को बयान करने वाली एक रिपोर्ट मंजूर कर ली है। अलबत्ता अभी इसपर यूरोपीय संसद में बहस होना बाकी है।

यूरोपीय संसद की विदेश मामलों की समिति द्वारा मंजूर की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मानवाधिकारों के हक में काम करनेवाले लोगों और मानवाधिकारों के बारे में रिपोर्टिंग करनेवाले पत्रकारों के लिए दिन-ब-दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उन्हें तमाम खतरों और हर तरह की असुरक्षा के बीच काम करना पड़ता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्त्रियों के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ी हैं। इसके अलावा दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य कमजोर तबकों को सामाजिक उत्पीड़न तथा भेदभाव का सामना करना पड़ता है। भारत में जिस तरह एमनेस्टी इंटरनेशन के खाते को बंद करके उसे काम करने से रोक दिया गया उसकी भी आलोचना रिपोर्ट में की गई है।

रिपोर्ट के पक्ष में 61 वोट पड़े, सिर्फ 6 वोट विरोध में थे और महज 4 सदस्य तटस्थ रहे यानी वोट में हिस्सा नहीं लिया। अब इस रिपोर्ट पर यूरोपीय संसद के पूर्ण अधिवेशन में चर्चा होगी।

इस रिपोर्ट से जाहिर है कि बीजेपी के राज में मानवाधिकारों का दमन एक अंतरराष्ट्रीय मसला बन रहा है। यही नहीं, एक बार फिर भाजपा के इस प्रचार की कलई खुल गई है कि उसके सत्ता में आने के बाद दुनिया में भारत का मान बढ़ा है। हकीकत बीजेपी के दावे और प्रचार से उलट है।

(gaurilankeshnews.com की एक खबर के आधार पर)

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!