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कर्नाटक में जनाग्रह अभियान

by Rajendra Rajan
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14 मई।कोरोना महामारी के कारण जीवन और जीविका पर आए संकट के मद्देनजर कर्नाटक में एक हफ्ते पहले चार सौ से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखनेवाले अनेक विशिष्ट व्यक्तियों ने जनाग्रह आंदोलन नाम से एक अभियान शुरू किया। इस अभियान को शतवर्षीय स्वतंत्रता सेनानी एचएस दोरेस्वामी, साहित्यकार बारागुरु रामचंद्रप्पा, पूर्व आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल, सीनियर सोशल एक्टिविस्ट के.एल. अशोक, दलित आंदोलन के नेता मावल्ली शंकर जैसे कई प्रख्यात व्यक्तियों ने समर्थन दिया है। अभियान की शुरुआत 6 मई को सानेहल्ली के पंडिताराध्यश्री ने की थी। फिर 10 मई को जनाग्रह आंदोलन की ओर से वरदा राजेन्द्र और रवि मोहन ने मुख्यमंत्री के सचिव को एक पत्र सौंपा जिसमें यह मांग की गई है कि जीवन और जीविका बचाने के लिए राज्य सरकार फौरन आक्सीजन तथा हास्पिटल बेड और वैक्सीन उपलब्ध कराए, जरूरतमंदों को राशन और आर्थिक मदद दे, जिस परिवार ने अपना कमाऊ सदस्य खो दिया है उसे पांच लाख रु.मुआवजा दे। सभी आयु वर्ग के लोगों को मुफ्त टीका लगाया जाए। असंगठित क्षेत्र के जो लोग अपनी कमाई गंवा बैठे हैं उन्हें पांच हजार प्रतिमाह की सहायता दी जाए।

लेकिन जनाग्रह आंदोलन ने सिर्फ मांगें पेश नहीं की हैं बल्कि संसाधन जुटाने के स्रोत भी सुझाए हैं। मुख्यमंत्री के सचिव को सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि सभी कारपोरेट टर्नओवर पर 2 फीसद कोरोना सेस (उप कर) लगाया जाए, सभी करोड़पति कारोबारियों और करोड़पति राजनीतिकों की सालाना आय पर 5 फीसद का अधिभार लगाया जाए, राज्य सरकार मेट्रो विस्तार, सड़क विस्तार, सरकारी भवनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं पर फिलहाल रोक लगा दे, जो फौरी जरूरत वाली नहीं हैं। इसके अलावा मठों और अन्य धार्मिक संस्थाओं के अनुदान पर रोक लगा दी जाए।

उपर्युक्त पत्र में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह विभिन्न मदों में राज्य सरकार की बकाया राशि तुरंत जारी करे। इसके अलावा वह सूखा राहत, बाढ़ राहत, जीएसटी शेयर, नीति आयोग के अनुदान की राशि भी जारी करे। केंद्र सरकार से यह भी मांग की गई है कि वह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जैसी फिजूलखर्ची की परियोजना पर तत्काल रोक लगाए। पत्र में यह चेतावनी दी गई है कि अगर उपर्युक्त मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।

पत्र पर हस्ताक्षर करनेवालों में अभिनेता चेतन, पूर्व मंत्री और लेखक बीटी ललिता नायक, साहित्य समीक्षक डॉ जीएन देवी, डॉ सीएस द्वारकानाथ, डॉ प्रकाश कामराडी, डॉ भूमि गौड़ा, दिनेश अमीन मट्टू, प्रो पुरुषोत्तम बिलिमेल, के. नीला, यासिन मालपे, बी. सुरेश, बी नागेन्द्र, स्वर्ण भट्ट, कादिदालु श्यामन्ना, डॉ एचएस अनुपमा, नूर श्रीधर, एचआर बासवाराजप्पा, कुरुबुरु शांताकुमार, गुरुप्रसाद केरेगोंडु, डॉ वासु एचवी जैसे कर्नाटक के जाने-माने व्यक्तियों के नाम शामिल हैं।

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