Home » राजस्थान में विद्या संबल योजना सवालों के घेरे में

राजस्थान में विद्या संबल योजना सवालों के घेरे में

by Rajendra Rajan
0 comment 15 views

10 अप्रैल। विद्या संबल योजना के तहत गहलोत सरकार के वित्त मंत्रालय ने 30 मार्च को आदेश जारी करके स्कूलों में भी गेस्ट फैकल्टी का चयन अब जिला स्तरीय समिति से करवाने का निर्णय लिया है। इससे पहले यह चयन शिक्षा विभाग करता था या फिर यूनिवर्सिटी-कॉलेज अपने स्तर पर गेस्ट फैकल्टी का चयन करते थे।

जिला कलेक्टर को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है और संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य-सचिव होंगे। सभी स्कूल या शिक्षण संस्थान सत्र शुरू होने से पहले रिक्त पदों की सूचना जिला समिति को भेजेंगे जो ब्लॉक पर वरीयता सूची बनाएगी। कहा गया है कि एक पद के बरक्स तीन अभ्यर्थियों का पैनल बनाया जाएगा और उसमें से किसी एक को मौका मिलेगा।

राजस्थान में लगभग 80,000 पद शैक्षिक संस्थानों में खाली पड़े हैं। इन पदों को स्थायी रूप से भरने की बजाय गहलोत सरकार ने गेस्ट फैकल्टी के नाम से अस्थायी पदों पर भर्तियों की तैयारी शुरू की है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समितियां ये नियुक्तियां करेंगी तो सरकार का प्रभाव इन नियुक्तियों पर रहेगा।

‘युवा हल्ला बोल’ के प्रदेश प्रभारी रमन यादव ने कहा कि यदि सरकार रिक्त पदों को स्थायी रूप से न भरकर ‘विद्या संबल योजना’ जैसी गैर-पारदर्शी प्रक्रिया अपनाती है तो हमें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। हनुमानगढ़ जिले में युवा हल्ला बोल ने विद्या संबल योजना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू भी कर दिया है। यह जानकारी देते हुए ‘युवा हल्ला बोल’ के राजस्थान संयोजक इरा बोस ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले से शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन को प्रदेश स्तर तक ले जाएंगे।

इस योजना के लागू होने से स्थायी कर्मचारियों की जगह गैर-स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा, आरक्षण प्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ेगा, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलेगा। लिहाजा, युवा हल्ला बोल  ने गहलोत सरकार से मांग की है कि 1. शैक्षिक संस्थानों में खाली पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया सरकार शुरू करें, साथ ही भर्ती योजना का रोडमैप भी जारी करे। 2. कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी समितियों को खत्म कर जिम्मेवार विभाग के माध्यम से पारदर्शी चयन प्रक्रिया से, आरक्षण लागू करते हुए, गेस्ट फैकल्टी का चयन करें व उक्त पदों को स्थायी रूप से भरने की अवधि तय हो और घोषित भी किया जाए। 3.  उच्च शिक्षण संस्थानों की गेस्ट फैकल्टी की चयन प्रक्रिया में स्वायत्तता से छेड़छाड़ न हो। सरकार सुनिश्चित करे कि निर्धारित मापदंडों पर ही चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!