Tag: नंदकिशोर आचार्य
वास्तविक लोकतंत्र के लिए
— नंदकिशोर आचार्य —
आधुनिक काल में सत्ता का मूल स्रोत नागरिकों का विश्वास और स्वीकृति है तो इसलिए यह आवश्यक है कि राजसत्ता इस...
सामाजिक आचरण और शिक्षा
— नन्दकिशोर आचार्य —
शिक्षा के प्रयोजन और प्रकिया को लेकर विद्वानों में निरंतर विवाद होता रहा है और अन्य मामलों की तरह यहाँ भी...
शिक्षा का बुनियादी प्रयोजन
— नन्दकिशोर आचार्य —
शिक्षा की जितनी भी परिभाषाएँ दी जाती रही हैं, उन सभी में, तत्त्वतः, एक बात समान है और वह यह है...
संस्कृति का केन्द्रीकरण क्यों?
— नंदकिशोर आचार्य —
आधुनिक प्रौद्योगिकी अनिवार्यतः केन्द्रीकरण और एकाधिकारवादी प्रवृत्तियों को जन्म देती और उन्हें पुष्ट करती है- और स्वाभाविक है कि ये प्रवृत्तियाँ...
महात्मा गाँधी का अकेलापन
— नन्दकिशोर आचार्य —
मैं अकेलापन चुनता नहीं, स्वीकार करता हूँ – महात्मा गाँधी के जीवन के अन्तिम दिनों के बारे में जब भी सोचता...















