जननायक अभी भी यात्रा में हैं, बहुतेरे एकलव्य भी!
— संतोष सिंह —
कल (१३ जुलाई) को आरा में "भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर: बेजुबानों की आवाज" पर परिचर्चा हुई। जिस तरह से संवाद...
टैन्ट वाला कॉफी हाउस
— प्रोफेसर राजकुमार जैन —
कनाट प्लेस (अब राजीव चौक) का इन्डियन कॉफी हाउस, जहाँ अब नई दिल्ली का भूमिगत पालिका बाज़ार है, पहले वहाँ...
धर्मग्रंथ + देवी-देवता : महात्मा गांधी
— कलानंद मनी —
मैं स्वयं पुराणों को धर्मग्रंथों के रूप में मानता हूँ । देवी-देवताओं को भी मानता हूँ। लेकिन पुराणपंथी उन्हें जिस रूप...
धम्मचक्र प्रवर्तन दिन
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। राजकुमार सिद्धार्थ गौतम ने आषाढ़ पूर्णिमा के दिन २९ वर्ष की आयु...
उर्दू के प्रसिद्ध आलोचक और सम्पादक सी.एम. नईम की याद में
— शुभनीत कौशिक —
उर्दू के प्रसिद्ध आलोचक, अनुवादक और सम्पादक सी.एम. नईम (1936-2025) के इंतक़ाल की ख़बर मिली। ख़बर सुनकर मेरे ज़ेहन में उनके...
आपातकाल में आरएसएस का दोहरा चरित्र – भाग 1
— जयशंकर गुप्त —
आपातकाल से मुक्ति के बाद तकरीबन हर साल 25-26 जून को देश को इंदिरा गांधी के ‘अधिनायकवाद’ के हवाले किए जाने...
स्वामी सहजानंद का निर्वाण दिवस
— राघव शरण शर्मा —
आज स्वामी सहजानंद का निर्वाण दिवस है। स्वामी सहजानंद के जीवन संघर्ष से हमें निम्न शिक्षाएं प्राप्त होती है -
1....
“मीम्स” की भाषा: सोशल-मीडिया पर उभरती व्यंग्यात्मक चेतना
— अरुण कुमार गोंड —
एक “मीम” कभी केवल मज़ाक नहीं होता, बल्कि उसके पीछे समाज की कोई गहरी परत छुपी होती है। “मीम्स” आज...
“ऑनलाइन डेटिंग”: सच, झूठ के बीच प्रेम की तलाश
— अरुण कुमार गोंड —
पढ़ना दरअसल महसूस करना है; और जब बात अपने आस-पास की हो, तो वो बात सीधे दिल में उतरती है।...
बहुमत का शासन ?
— डॉ मंगल मेहता —
साबूत पैर
आदमी के दो साबूत पैर हैं साबूत ईमान तो परवाह नहीं समस्या जूझता जी लेगा, जिला देगा जमाना। अतीत...