नेहरूजी का स्मरण ” अकाल और लड़ाई चाहे हो या न हों लेकिन अपने जन्मजात अंतर्विरोधों से पूर्ण और उन्हीं विरोधों और उनसे प्रतिफलित विनाशों से पोषण पाती हुई जीवन …
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‘हिन्द स्वराज’-एक अध्ययन! कांति शाह (पेज44-45) अमानवीकरण और परायेपन की घातक प्रक्रिया! ‘मानव गौरव और मानव मुक्ति का एक बुलंद नारा, व्यापक रूप में मार्क्स ने दिया।मार्क्स ने एक …
हिन्द स्वराज’-एक अध्ययन! कांति शाह (पेज23) ..’हिन्द स्वराज’ की भाषा शक्तिशाली, असरकारक और बेधक है।उसमें तीव्रता तथा उग्रता भी है और आवेग तथा आवेश भी है। लिखा गया है अत्यंत …
गांधी की मीराबेन दत्तप्रसाद दाभोलकर महात्मा गांधी के बेहद करीबी लोगों में मीराबेन प्रमुख हैं। प्रस्तुत है, उन पर अनिल काररवानिस की लिखी मराठी पुस्तक ‘मीराबेन-आत्म्याच्या शोधात’ पर दत्तप्रसाद …
बेढब बनारसी (कृष्ण प्रसाद गौड़ 1885-1968) की रचना ‘लफ्टंट पिगसन की डायरी’ से “सात आठ दिन हुए गुदड़ी बाज़ार की ओर निकल गया था. वहां मोटी जिल्द में बंधी कापी …
— रघुराज सिंह — महिला आरक्षण पर चहुंदिस जारी कीर्तन के विलक्षण दौर में, हाल ही में नेशनल बुक ट्रस्ट से एक बहुत ही अलग ढंग की किताब छपी है, नाम है बापू …
— पुनीत — किताब के आवरण चित्र को देखकर कई खयालात मन में आते हैं। शायद इसकी रचनात्मक समझ, पुस्तक के बौद्धिक आयामों को समझने के द्वार खोल सकती है। …
— मोहन सपरा — मेंकवि-कथकॎार-आलोचक शैलेन्द्र चौहान का संस्मरणात्मक उपन्यास उर्फ़ कथा रिपोर्ताज पांव ज़मीन पर बोधि प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित हुआ है। लोक जीवन की लय को स्पंदित और …
— सूर्यनाथ सिंह — कविता जब इतिहास में प्रवेश करती है तो समझ लेना चाहिए कि उसका समकाल बहुत विकट है। कविता जब भी इतिहास और पुराणों, मिथकों के नए …
— सूर्यनाथ सिंह — किसी भी देश, समाज और सभ्यता का इतिहास केवल तारीखों, घटनाओं तथा शासकों का ब्योरा नहीं होता। उसमें वहां की जमीनी हलचलें भी जज्ब होती हैं। …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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