— किशन पटनायक — (स्व. किशन जी का यह लेख पहली बार अगस्त, 2003 में प्रकाशित हुआ था। समान नागरिक संहिता पर चल रही चर्चा के परिप्रेक्ष्य में यह फिर …
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— राजकिशोर — डॉ आंबेडकर की एक विरासत हिन्दू धर्म का परित्याग करने की है। उनका यह वाक्य अकसर उद्धृत किया जाता है कि मैं हिन्दू धर्म में पैदा जरूर …
— राजकिशोर — क्या आप अपने जीवन से असंतुष्ट हैं? क्या आपको अपना घर छोटा, अपना टीवी खराब और अपनी गाड़ी बाबा आदम के जमाने की लगती है? क्या आप …
रामधारी सिंह दिनकर (23 सितंबर 1908 – 24 अप्रैल 1974) — रामधारी सिंह दिनकर — संस्कृति और सभ्यता- ये दोनों दो शब्द हैं और उनके मानी भी अलग-अलग होते हैं। …
— राजकिशोर — आज हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं, जिसमें अतीत के बहुत-से अच्छे शब्द निरर्थक जान पड़ते हैं। आधुनिकता का स्थान उत्तर-आधुनिकता ने ले लिया है …
— किशन पटनायक — (कल प्रकाशित लेख का बाकी हिस्सा) सन् 1970 के बाद भारत में, और 1980 के बाद रूस और चीन की उम्मीदें कम होने लगीं। इन देशों …
— किशन पटनायक — आधुनिक मनुष्य के कालबोध का एक नमूना पिछले दिनों हमारे अनुभव में आया। मनुष्य जाति के आगामी समय को कुछ लोगों ने 21वीं सदी के रूप …
— हजारीप्रसाद द्विवेदी — जिस स्थान पर बैठकर लिख रहा हूँ, उसके आसपास कुछ थोड़े-से पेड़ हैं। एक शिरीष है, जिस पर लंबी-लंबी सूखी छिम्मियाँ अभी लटकी हुई हैं। पत्ते …
— किशन पटनायक — मधु लिमये शुरू से मेरे लिए आदर, ईर्ष्या और असंतोष के पात्र रहे। ईर्ष्या की बात को यह कहकर समाप्त कर दूँ कि एक व्यक्ति के …
— किशन पटनायक — शिक्षा के प्रयोगों में वैसे तो मेरा अनुभव नहीं के बराबर है फिर भी अस्सी के दशक में मैंने एक प्रयोग किया था तब बेंगलुरु से …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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