जमा धनराशि पर बैंकों की जवाबदेही तय होनी चाहिए
— अजय खरे —
देश भर में हो रहे साइबर अपराध के चलते करोड़ों जमाकर्ताओं का बैंकों में रखा पैसा सुरक्षित नहीं कहा जा सकता...
विषमता की खाई में विकास की समाधि
— जयराम शुक्ल —
लोकभाषा के बडे़ कवि कालिका त्रिपाठी ने कभी रिमही में एक लघुकथा सुनाई थी। कथा कुछ ऐसी थी कि..दशहरे के दिन...
भूख है तो सब्र कर
— जयराम शुक्ल —
मुट्ठीभर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे,...
ठेका कर्मचारी होना यानी ठगे जाना : मारुति की मिसाल
— रवींद्र गोयल —
भारत में मजदूरों का बहुलांश (94 प्रतिशत) असंगठित क्षेत्र में ही काम करता है जहाँ काम की हालत बहुत खराब है,...