हलचल
Invitation to the Centenary Celebration of G.G. Parikh
Dear friend,
We are pleased to invite you to join us in celebrating the remarkable life and legacy of G.G. Parikh as we commemorate his...
विचार
व्यवस्था-परिवर्तन का महास्वप्नः ‘७४ आन्दोलन की कुछ स्मृतियाँ’
— आनंद कुमार —
आज़ादी के बाद की स्वराज-यात्रा और लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण के दौर में १९७४ एक ऐतिहासिक मोड़ रहा है. इसने परिवर्तन के सपने...
समाजवादी विरासत की साक्षात प्रतिमूर्ति डॉक्टर जीजी पारीख
— रणधीर कुमार गौतम —
दुनिया में दो तरह के लोग राजनीति में आते हैं: एक, कुछ बनने के लिए और दूसरे, कुछ करने के...
वीडियो
मंदिर-मस्जिद विवाद
— विनोद कोचर —
मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए अंतरिम आदेश को पारित करते हुए सुप्रीमकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा है कि,'...
अन्य स्तम्भ
मैथिलीशरण गुप्त को फिर से पढ़ते हुए
— परिचय दास —
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ भारतीय समाज, संस्कृति और मूल्यों की गहरी समझ और संवेदनशीलता को व्यक्त करती हैं। उनके काव्य में...
संवाद
संंघ पर जेपी की राय
आज जेपी यानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है। १९७४ के आंदोलन में उन्होंने सभी कांग्रेस विरोधी दलों को संपूर्ण क्रांति के लिए अपने...
अन्य लेख पढ़ें
धूमधाम से चल रहा एक पाखंड पर्व
— राजू पाण्डेय —
आदरणीय प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस उदबोधन कुछ ऐसा था कि जो कुछ उन्होंने कहा वह चर्चा के उतना योग्य नहीं है...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 46वीं किस्त
यह चिंतनीय है कि मनुष्य के विचार पर राष्ट्रहित, वर्गहित, विभागीय तथा पारिवारिक हित का कितना गहरा असर पड़ता है। 19वीं शताब्दी के अंतिम...
सुभाषचंद्र बोस : एक पुनर्मूल्यांकन
— मस्तराम कपूर —
नेताजी सुभाषचंद्र बोस को भारत की स्वाधीनता के आंदोलन की क्रांतिकारी धारा का शलाका पुरुष कहा जा सकता है। इस वक्तव्य...
Madhu Limaye : An Inspiring, Committed Socialist
— George Mathew —
I have wonderful memories of my association with Madhu Limaye Ji, the best known among the second generation leaders of the...
साप्ताहिकी
ये कोई बावरी-सी जिद है
— ध्रुव शुक्ल —
कोई कहता है कि मंदिर है यहाॅं
कोई कहता है कि मस्जिद है
ये कोई बावरी-सी जिद है
ये ख़ुदाई कहीं रहीम-सी लगती है
कहीं...
रघुवीर सहाय का गद्य
— परिचय दास —
।। एक ।।
रघुवीर सहाय हिंदी साहित्य के उन मूर्धन्य साहित्यकारों में से एक थे जिन्होंने गद्य और कविता दोनों में समान...