सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी की पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय महासचिव शशि शेखर सिंह के नेतृत्व में 20 जून से 24 जून 2025 तक कश्मीर का संघन दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य श्री दीपक धोलकिया ( राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ), मिस वर्तिका मणि ( सचिव), डॉक्टर हरीश खन्ना तथा डॉक्टर अनिल ठाकुर थे ।
कश्मीर यात्रा का पहला दिन बहुत उपयोगी रहा। यहां कश्मीर के साथी मीर शाहिद सलीम होटल में पहले से मौजूद थे । जम्मू के वरिष्ठ साथी आई डी खजूरिया भी सपत्नीक उपस्थित थे। होटल पहुंचने के बाद हम सभी ने भोजन किया और उसके बाद श्रीनगर के 20- 25 स्थानीय सरोकारी साथियों के साथ कश्मीर को लेकर लगभग तीन घंटे तक गंभीर चर्चा हुई। शाम में शाहिद साहब ने सभी साथियों को डल झील और निशात बाग घुमाने ले गए।
दूसरे दिन 21 जून की सुबह 7.30 बजे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रतिनिधिमंडल पहलगाम के लिए रवाना हो गया। साथी मीर शाहिद सलीम तथा स्थानीय पत्रकार साथी किफायत साथ में थे । पहलगाम के रास्ते में पहले हम सभी शहीद आदिल शाह हुसैन के गांव में उनके घर गए । वहां 28 वर्षीय शहीद आदिल शाह के छोटे भाई नौशाद शाह , उनकी माता जी, दो छोटी बहने , चाचा तथा अन्य परिवार जनों के साथ डेढ़ घंटे तक रहे और पहलगाम के आतंकवादी हमले के विषय में नौशाद शाह ने जानकारी दी । शहीद आदिल शाह जो घोड़े वाला था और सैलानियों को घोड़े से पहलगाम की बैशरन घाटी ले जाया और लाया करता था और एक दिन में मात्र 600 रुपए कमाता था । आदिल शाह कैसे अपनी जान की बाज़ी लगाकर आतंकवादी से अपने साथ के सैलानी को बचाने की कोशिश की और आतंकवादियों के हाथों शहीद हो गया । उनके छोटे भाई नौशाद शाह ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने उसे और आदिल शाह की विधवा को सरकारी नौकरी दी है तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 20 लाख की आर्थिक सहायता दी है जिससे उनका मकान बन रहा है। छोटी बहनों से यह पूछने पर कि पढ़ाई कर रही हो या नहीं तो उन्होंने बताया कि आठवीं के बाद पढ़ाई छूट गई। हमने सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी की तरफ से दोनों छोटी बहनों को पढ़ाने तथा आवश्यक आर्थिक मदद देने की बात की । वहां से चलकर सी एफ डी की टीम पहलगाम में साथी शाहिद सलीम द्वारा तय स्थानीय लोगों के साथ होटल हाइलैंड के परिसर में एक घंटे से अधिक चर्चा की और उनके दर्द , परेशानियों, समस्याओं तथा पुलिस के कारण उनको शक के आधार पर आए दिन परेशान किए जाने की बात भी सामने आई। बातचीत में जम्मू एवं कश्मीर के आदिवासी, पहाड़ी तथा अन्य समुदायों की समस्याओं के साथ पर्यावरण के लगातार क्षरण का भी जिक्र आया। हमने सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी के द्वारा सभी समस्याओं के समाधान के लिए नागरिक पहल गंभीरता से करने का आश्वासन दिया। आतंकवादी हमले वाली बैशरण घाटी में नहीं जा पाए क्योंकि वहां जाने पर अभी प्रतिबंध लगा है। वहां से पहलगाम के बेताब वैली देखने गए ताकि पता चल सके कि पहलगाम हादसे के बाद कितने सैलानियों का आना हो रहा है । जानकारी मिली कि सैलानियों का लगातार आना अब बढ़ रहा है । बेताब घाटी में भी सैलानियों की अच्छी खासी संख्या थी। शाम में पहलगाम के क्लब पार्क में सद्भावना मिशन पर आए साथी रामशंकर सिंह, डॉक्टर सुनीलम, अरुण श्रीवास्तव, जस्टिस गोपाल सिंह , रणधीर गौतम तथा अन्य साथियों के साथ कश्मीर पर बातचीत की । 7 बजे संध्या पहलगाम से चलकर 10 बजे रात्रि में श्रीनगर में होटल वापस लौट आए।
तीसरे दिन 22 जून को सुबह 7.45 पर टीम उड़ी के पाकिस्तानी गोलीबारी प्रभावित इलाके का दौरा करने निकल गई। सचिव वर्तिका मणि कुछ अस्वस्थ होने के कारण टीम के साथ नहीं जा सकीं लेकिन कर्नाटक के दो सोशलिस्ट साथी निंगप्पा देवासरन तथा रविन्द्र हिलंगली साथ हो गए । श्रीनगर से एक और युवा एडवोकेट साथी नावेद साहब भी साथ हो गए। उड़ी के पहले एक और स्थानीय साथी मुस्तफा खान साथ हो गए। साथी शाहिद सलीम का साथ दौरे के हर मुश्किल आसान कर रहा था । उड़ी में जगह जगह गोलीबारी में क्षतिग्रस्त कई मकानों को देखा और घर वालों का दर्द सुना । मुस्लिम समुदाय के घरों के गोलीबारी से क्षतिग्रस्त मकानों के बीच दो हिन्दू परिवारों के क्षतिग्रस्त मकानों को देखा और उनसे बात की। उन्होंने एक बात जो कही कि गोलाबारी मजहब नहीं देखता । इसलिए युद्ध नहीं अमन में ही सबकी सुरक्षा है। उड़ी में कुछ युवा साथियों के साथ बातचीत की और वे भी आगे हमारे साथ हो गए। वहां से पास में ट्रेड सेंटर में तत्काल रुके पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित सात परिवारों से गोलीबारी में उनके घरों की बरबादी, संपति तथा उनके पशुओं के नुकसान के विषय में औरत तथा मर्द को बारी बारी से सुना और उन्होंने ने बताया कि सरकार से इतनी बड़ी क्षति के बाद मात्र एक लाख तीस हजार रुपए मिला। केंद्र सरकार ने दो लाख देने का वायदा किया ।सभी परिवारों को ठीक से पानी पीने को नहीं मिल रहा है , साथ ही हर प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
जनतंत्र समाज की ओर से तुरंत स्थानीय एम् एल ए से मिलकर उनकी परेशानियों को उन तक ले जाने का वादा किया तथा स्थानीय साथी नावेद की सहायता से एम एल ए डॉक्टर सज्जाद से चार बजे मिलने का समय तय हो गया । वहां से हमलोग उड़ी में भारत – पाकिस्तान की सीमा पर गए और वहीं अमन सेतु पर सभी ने सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी की ओर से युद्ध के खिलाफ और भारत – पाकिस्तान के बीच अमन की बहाली की बारी बारी से अपील की।इतना नहीं कश्मीर समस्या का आपसी संवाद के द्वारा स्थाई समाधान की मांग की । वहां से फिर टीम उड़ी में काफी ऊंचाई पर बसे दर्दकोट गांव गए । वहां पहले से मौजूद कश्मीर के पहाड़ी गांववालों के दुख दर्द को सुना और सरकार से उनकी उचित क्षतिपूर्ति को भी एम एल ए के समक्ष उठाने का वादा किया। पांच बजे स्थानीय एम् एल ए डॉक्टर सज्जाद के घर गए । उनसे लंबी बातचीत हुई । कश्मीर समस्या पर जनतंत्र समाज के विचार को विस्तार से रखा और जे. पी. के कश्मीर संबंधी विचारों से अवगत कराया। स्थानीय लोगों की सभी समस्याओं को भी रखा और उसपर तुरन्त कार्रवाई की मांग की जिसपर पर उन्होंने तुरन्त कार्रवाई का वादा किया। CFD का यहां जम्मू एवं कश्मीर इकाई के गठन के प्रस्ताव से अवगत कराया। उन्होंने उसका स्वागत किया और मदद का भी वादा किया। उन्होंने अगली बार CFD के सदस्यों को आने का न्योता भी दिया और एक दिन अपने घर पर रहने का निमंत्रण दिया। वहां के बाद टीम दिनभर के सार्थक प्रयास के बाद 10 बजे रात होटल लौट आई।
चौथे दिन यानि 23 जून को 11 बजे जम्मू एवं कश्मीर के सरोकारी नागरिकों की यूनाइटेड पीपुल्स एलायंस के आह्वान पर मीटिंग हुई। मीटिंग में सी एफ डी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर आनंद कुमार का संदेश पढ़ा गया। विभिन्न धर्मों मुस्लिम, हिन्दू , क्रिश्चियन , सिख तथा विभिन्न नागरिक संगठनों के 60 से अधिक नागरिक ( चार महिलाएं) शामिल हुए। चार घंटे से अधिक मीटिंग में कश्मीर के मसलों पर बड़ी बेबाकी से चर्चा हुई। अंत में जनतंत्र समाज की जम्मू एवं कश्मीर चैप्टर का सर्व सहमति से गठन हुआ जिसमें अभी जम्मू के आई डी खजूरिया अध्यक्ष और कश्मीर के मीर शाहिद सलीम महासचिव बनाए गए। अध्यक्ष और महासचिव को अन्य पदों पर लोगों को नियुक्त करने की जिम्मेदारी सभा के द्वारा दी गई। मध्य प्रदेश के किसान नेता समाजवादी डॉ सुनीलम भी मीटिंग में मौजूद थे।
दौरे के पांचवें और अंतिम दिन साथी शाहिद सलीम, महासचिव जम्मू एवं कश्मीर चैप्टर ने लालचौक के पास स्थित प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और प्रतिनिधिमंडल के सभी साथियों की उपस्थिति में साथी शाहिद सलीम तथा राष्ट्रीय महासचिव शशि शेखर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और जम्मू एवं कश्मीर में सी एफ डी के आने के मकसद से लेकर जम्मू एवं कश्मीर का संवाद से स्थाई समाधान , तुरंत राज्य का दर्जा की वापसी तथा जम्मू एवं कश्मीर के नागरिकों की संवैधानिक स्वतंत्रता की पूर्ण बहाली की मांग की और भारत पाकिस्तान के बीच अमन और शांति की स्थापना पर जोर डाला।