चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण आदेश से वंचित तबकों के लाखों मतदाताओं के बेदखली की आशंका : लोकतांत्रिक जन पहल

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पटना 28 जून 2025। लोकतांत्रिक जन पहल के द्वारा आज यहां डाक बंगला चौराहा के निकट भारत के चुनाव आयोग के द्वारा बिहार के मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण संबंधी आदेश और दिशा निर्देश का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया गया जिसमें महिलाएं और युवजन सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में कंचन बाला , प्रियदर्शी अशोक चक्रवर्ती, अशोक कुमार अधिवक्ता , मणि लाल अधिवक्ता , प्रदीप प्रियदर्शी , फादर निशांत, अशरफी सदा, शशि भूषण पंडित , तबस्सुम अली , आनंद रंजना एडवोकेट (बक्सर), अंकिता पंडित , आशा देवी , असगर जी , कारू जी (गया), शौकत अली ( फतुहा), सैयद इमाम , अभिषेक कुमार , राहुल कुमार , रवींद्र जी , प्रेम कुमार पासवान ,माखनलाल दास, मनोज राम, रंजन कुमार, उदयन राय और जितेंद्र कुमार अधिवक्ता आदि हैं।

लोकतांत्रिक जन पहल ने कहा है कि बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत के चुनाव आयोग के द्वारा बिहार के मतदाता सूची का गहन पुनरिक्षण हेतु गत 24 जून को जो आदेश और दिशा निर्देश दिया गया है उसके तहत नये -पुराने मतदाताओं से जन्म और आवासीय प्रमाणपत्र की मांग की जाने वाली है जो पूरी तरह से दलित, अतिपिछड़ा, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और गरीब विरोधी है।

आयोग के निदेश के अनुसार जो लोग एक जुलाई 1987 से पहले जन्म लिए हैं उनको अपना जन्म प्रमाण पत्र देना होगा। जो लोग 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म लिए हैं उनको अपना और अपने मां-बाप में से किसी एक कि जन्म और आवासीय प्रमाणपत्र देना है। जो लोग एक जुलाई 1987 से पहले जन्म लिए हैं उनको केवल अपना जन्म और आवासीय प्रमाणपत्र देना है। दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोगों को अपना और अपने मां-बाप दोनों का जन्म और आवासीय प्रमाणपत्र देना है। इस आदेश से का अवलोकन करने से यह साफ पता चलता है कि यह आदेश लाखों वंचित तबके के लोगों को उनके वोट देने के संवैधानिक और मानव अधिकार से बेदखल करने वाला और प्रकारांतर से लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की धज्जियां उड़ानें वाला है।

लोकतांत्रिक जन पहल ने कहा है कि चुनाव आयोग के इस आदेश के पीछे मोदी-नीतीश सरकार की गहरी साज़िश से इंकार नहीं किया जा सकता है। संभव है कि उन विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में जहां सामाजिक राजनीतिक स्थितयों के कारण महागठबंधन या इंडिया गठबंधन का पलड़ा भारी वहां मतदाता सूची पुनरीक्षण में लगे कर्मचारियों को गुप्त रूप से हिदायत दी जाय कि विरोधी मतों को अड़ंगा लगाकर इतनी छंटनी की जाय कि वहां विरोधी दलों के प्रत्याशी विधानसभा चुनाव जीत न सकें।

लोकतांत्रिक जन पहल ने कहा है कि चुनाव आयोग के इस आदेश से अब यह भरोसा उठ गया है कि बिहार में विधानसभा का स्वतंत्र और निष्पक्ष होने जा रहा है।

लोकतांत्रिक जन पहल ने सभी विपक्षी दलों से अपील की है कि वे आयोग के इस आदेश को को गंभीरता से लें और संयुक्त रूप से ठोस कार्रवाई करने की दिशा में शीघ्र पहल करें। लोकतांत्रिक जन पहल ने सभी प्रगतिशील संगठनों, समूहों और सिविल सोसायटी संगठनों से अपील की है कि अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में सजग रहें और चुनाव आयोग के आदेश को जमकर विरोध करें।

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