हमें फ़ख्र है कि हमने उस महामानव से बात की है

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — (दूसरी किस्त ) सन 1939 में जब गांधीजी सीमा प्रांत के दौरे पर गए तो बादशाह ख़ान ने गांधीजी से कहा था :...

“ऑनलाइन डेटिंग”: सच, झूठ के बीच प्रेम की तलाश

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— अरुण कुमार गोंड — पढ़ना दरअसल महसूस करना है; और जब बात अपने आस-पास की हो, तो वो बात सीधे दिल में उतरती है।...

वंचितों, शोषितों के शैक्षिक उत्थान में डॉ. आंबेडकर का योगदान

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— अंकित कुमार निगम — अतीत में हिंदुत्ववादी व्यवस्था द्वारा भारत के शोषितों, वंचितों पर अगणित शास्त्रीय नियोग्यताएँ थोप दी गयीं। इनमें से प्रमुख थीं...

लहू बोलता भी है

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — सैय्यद शाहनवाज अहमद कादरी की किताब का टाइटल ‘लहू बोलता भी है’ पढ़कर शुरू में अटपटा सा लगा, क्‍योंकि लहू खौलता...

क्या भगवान की भी जाति होती है?

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— गोपाल राठी — मैंने एक मुस्लिम मित्र को ईद मुबारकबाद का संदेश भेजा तो उसने मुझे परशुरामजी की जयंती का बधाई संदेश भेजा। मैंने...

प्रो धीरूभाई शेठ के निधन से जन-राजनीति ने अपना एक हितैषी...

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प्रोफेसर डी.एल सेठ के दिवंगत होने के साथ इस देश में वह सेतु टूट गया जो समाज-विज्ञान की सत्वर सैद्धांतिकी को समाज और राजनीति के...

पसमांदा की पीड़ा

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— अरमान अंसारी — हाजी नेसार अंसारी उत्तर प्रदेश में, मऊ जिले के निवासी हैं। उनके परिवार में कपड़ा बुनने का पुश्तैनी धंधा चला आ...

स्वाधीन भारत की उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ

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— अरमान अंसारी — आजादी, स्वतंत्रता, स्वाधीनता, स्वराज, अलग-अलग नामों से हम देश की उस परम उपलब्धि को जानते हैं जिसके लिए देश के हजारों ...

हमें फ़ख्र है कि हमने उस महामानव से बात की है...

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — सीमान्त गांधी लोहिया से बेइन्‍तहा लगाव रखते थे, लोहिया के इंतकाल के बाद 1969 में जब वो हिंदुस्‍तान आए तो...

रामदेव सिंह यादव को नमन, जिन्होंने मधु जी की जान बचायी...

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— अमरीष कुमार — सन 1967 में मधु लिमये मुंगेर लोकसभा से दोबारा चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान मुंगेर जिला मुख्यालय के...