क्या भारतीय मतदाता लाभार्थी बन चुका है? – परिचय दास
।। एक ।।
भारतीय राजनीति में कल्याण की अवधारणा कोई नई नहीं, पर उसके अर्थ, उसका प्रयोजन और उसका रूप पिछले एक दशक में जिस...
सादगी, निरहंकारिता, मिलनसारिता और जीवट व्यक्तित्व के प्रतीक थे रबि राय
— विज्ञान मोदी —
हिंदुस्तान के समाजवादी आंदोलन के प्रमुख नेता और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी श्री रबि राय से मेरी पहली मुलाकात 22 दिसम्बर,...
सच्चिदाजीः सत्तावन का जज्बा और लीची की मिठास – अरुण कुमार...
किसी भी पढ़ने लिखने वाले और समाजवादी विचारों और मूल्यों में विश्वास करने वाले के लिए यह गर्व का विषय हो सकता है कि...
समाजवादियों का आदर्श पुरुष चला गया! – प्रोफेसर राजकुमार जैन
उम्र के 98 साल पूरा करके सच्चिदानंद सिन्हा महाप्रयाण कर गए। उनके जाने से एक एहसास खत्म हो रहा है कि जब कभी सोशलिस्ट...
समाजवादी विचारक सच्चिदानंद सिन्हा को अलविदा!
— रणधीर गौतम —
भारतीय समाजवाद के प्रेरणाओं के अनेक पुंज हैं। न जाने कितने नायकों ने समाजवादी विचार को अपनी साधना (चिंतन और कर्म)...
समाजवादी विचारक सच्चिदानंद सिन्हा नहीं रहे!
— मुकेश बालयोगी —
बिहार को भारत का उपनिवेश बनाकर रखने के खिलाफ संघर्ष का शंखनाद करने वाले समाजवादी विचारक सच्चिदानंद सिन्हा नहीं रहे! ज्ञान...
अलविदा समाजवादी चिंतक ओर लेखक सच्चिदानन्द सिन्हा!
— कुमार कृष्णण —
समाजवादी चिंतक ओर लेखक सच्चिदानन्द सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया।उन्होंने मुजफ्फरपुर में अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।...
हिंसा का मनोविज्ञान और करुणा का अंत – परिचय दास
कभी-कभी एक शहर की सड़कों पर ऐसा सन्नाटा उतर आता है, जो केवल मौन नहीं होता — वह हमारे भीतर की टूटन का संकेत...
लोकतंत्र बिहार से लौटेगा या अमेरिका से? – अरुण कुमार त्रिपाठी
लोकतंत्र की दुर्दशा से बेचैन भारतीय समाज एक ओर बिहार में चल रहे चुनाव की ओर उम्मीद से देख रहा है तो दूसरी ओर...
बड़े नेता होने के बावजूद वे कार्यकर्ता ही बने रहे! –...
सो साल बाद भी किसी नेता की याद में अगर कोई यादगार आयोजन होता है ,(बशर्ते परिवार वालों द्वारा आयोजित न हो) ...
















