विचार की टकसाल के सिक्के!

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — "शक्ति-विहीन सिद्धांत बाझं होता है, उसी तरह विचारहीन शक्ति राक्षस बन जाती है।" यह सूक्ति डॉक्टर लोहिया ने कही थी। बदकिस्मती...

विज्ञान प्रसार, जन भाषाएं और जयंत नार्लीकर

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— शुभनीत कौशिक — भारत में जिन वैज्ञानिकों ने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और जनता के बीच वैज्ञानिक चेतना का प्रसार करने में प्रमुख भूमिका...

अलविदा लैला !

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— चंचल — लैला ( लीला , लइला ) कबीर फर्नांडिस का कल निधन हो गया । लैला कबीर फर्नांडिस मशहूर समाजवादी , मजदूर नेता...

सोशलिस्ट, कॉलमकार के. विक्रम राव अब नहीं रहे!

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— राजकुमार जैन — के. विक्रम राव मेरे पुरानें वरिष्ठ सोशलिस्ट साथी थे। आंध्र के एक बहुत ही नामवर, ब्यूरोक्रेट, पत्रकारों के परिवार में जन्मे...

के विक्रम राव : श्रद्धांजलि

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— प्रेमकुमार मणि — वरिष्ठ पत्रकार और हमारे मित्र के विक्रम राव नहीं रहे. उनके बेटे के विश्वदेव राव द्वारा भेजे गए व्हाट्सप सन्देश से...

आधुनिक युग में समाजवाद की प्रासंगिकता – समय की पुकार

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लेखक: जॉन जी. कैनेडी "मानवता के समाजवादी स्वप्नद्रष्टा" 1. भूमिका - समाजवाद क्या है? :- समाजवाद का मतलब केवल एक राजनीतिक विचारधारा नहीं है, बल्कि यह...

जगहें तेज़ी से ख़ाली हो रही हैं, भर जरा भी नहीं...

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— श्रवण गर्ग — उमा जी को लेकर स्मृतियाँ कोई अट्ठावन साल पुरानी हैं।बनारस में गंगा तट के निकट स्थित और तब सर्व सेवा संघ...

महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ. बाबा साहब अंबेडकर जी जयंती पर...

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— डॉ. सुरेश खैरनार — भारतीय समाज जागरण के पुरोधाओं में सबसे पहले राजा राम मोहन राय का जन्म, अंग्रेजो ने सोलह साल पहले प्लासी...

रामकिशोर अब नहीं रहे!

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— राजकुमार जैन — अकेला हूं, पर विरोध जरूर करूंगा। ऐसे थे हमारे साथी रामकिशोर जो अब नहीं रहे। लखनऊ के वरिष्ठ सोशलिस्ट साथी रामकिशोर...

अभिनेता मनोज कुमार नहीं रहे!

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— परिचय दास — मनोज कुमार का चेहरा किसी पुराने स्मृति-चित्र की तरह हमारे भीतर बसा है—कुछ धुँधला, फिर भी तेजस्वी, कुछ नर्म, फिर भी...