Tag: मधु लिमये
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 34वीं किस्त
वर्ष 1927 के बाद पं. जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस तथा कम्युनिस्ट पार्टी के तत्वावधान में समाजवादी विचारों का व्यापक प्रसार देश मे होने लगा।...
मधु लिमये : अथाह ज्ञान की ललक
— प्रो. राजकुमार जैन —
स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा, लोकतंत्र, समाजवाद के प्रहरी मधु लिमये की दास्तान एक लेख में बयां करना मुमकिन नहीं है।...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 33वीं किस्त
बंगाल के विभाजन के बाद समूचे देश में आतंकवादी आंदोलन का जाल फैलने लगा। लाहौर में ‘पंजाबी’ नाम के समाचार पत्र को जाप्ता फौजदारी...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 32वीं किस्त
मैकाले जैसे अंग्रेजी लेखकों और प्रशासकों ने बंगालियों की शारीरिक और मानसिक दुर्बलता के बारे में बहुत व्यंग्यात्मक तरीके से लिखते हुए उनकी खिल्ली...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 31वीं किस्त
उग्र पंथ के बंगाल विभाजन विरोधी आंदोलन तथा तिलक जी के राष्ट्रीय पक्ष की देन क्या रही? उन्होंने विदेशी माल का बहिष्कार, सरकार द्वारा...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 30वीं किस्त
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्य में गर्मी लाने का श्रेय एक माने में अंग्रेजी साम्राज्य के सबसे बड़े समर्थक और प्रतिभाशाली वायसराय लार्ड कर्जन...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 28वीं किस्त
कुछ वर्ष और बीते। धीरे-धीरे सीमित संघराज्य की कल्पना का भी परित्याग कर अब इकबाल विशुद्ध पाकिस्तानवादी बन गए। बंबई में ‘बांबे क्रानिकल’ में...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 27वीं किस्त
भारतीय राष्ट्रवाद और इकबाल
बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में विदेशी हुकूमत से मुक्ति पाने की इच्छा ने सभी वर्गों के शिक्षित भारतीयों को प्रभावित किया...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 26वीं किस्त
1936-37 की भांति 1946 में भी हिंदू-मुसलमानों की समस्या का समाधान निकालने के जो प्रयास किए गए उनको कांग्रेसी नेतृत्व ने एक माने में...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 25वीं किस्त
लेकिन इसी बीच कांग्रेस में एक नया नेतृत्व उभर आया। जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए थे और उन्होंने स्वराज्य के उद्देश्य की...