Tag: अरुण कुमार त्रिपाठी
स्त्री मुगल बनाम इस्लामी नारीवाद
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
जाने माने कवि और नारी संवेदना को अपने लेखन का विषय बनाने वाले पवन करण ने एक जोखिम भरा काम...
एक युद्ध हो अन्याय और हथियारों के विरुद्ध
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
इक्कीसवीं सदी का चाल चलन बिगड़ गया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतिकारों और रणनीतिकारों ने जो आख्यान रचा है उससे...
वे औरंगजेब नहीं लोकतंत्र की कब्र खोद रहे
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
वास्तव में वे औरंगजेब की नहीं लोकतंत्र की कब्र खोद रहे हैं। कब्र दो प्रकार से खोदी जाती है। एक...
अब समाज ही सिखाएगा सरकार को सद्भाव
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
होली और रमज़ान के मौके पर सरकारों और नफ़रती सांप्रदायिक संगठनों ने देश भर में तनाव पैदा करने की भरपूर...
ओवल आफिस के साम्राज्यवादी मंच पर गरमागरमी
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
साम्राज्यवाद का आने वाला स्वरूप कैसा होगा इसका एक छोटा सा ट्रेलर दुनिया ने शुक्रवार को उस समय देखा जब...
थोड़ा उजेड़ ठेवा, अंधार फार झाला
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
मराठी कवि सुरेश भट्ट ने एक अद्भुत प्रेरणा गीत लिखा है। उसे अपनी अमृतवाणी देकर आशा भोंसले ने अमर कर...
चौहत्तर जैसा आंदोलन क्यों नहीं करती कांग्रेस?
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
वैसे तो यह स्तंभकार किसी को सलाह देता नहीं क्योंकि उसकी सलाह लेने को कोई तैयार नहीं होता । खासकर...
मूल्यवर्धन सृजन के आचार्य नंदकिशोर
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
हिंदी समाज में कम ऐसे लेखक और विचारक हैं जिनका सृजन और चिंतन सभ्यतामूलक है। नंदकिशोर आचार्य उन बिरले लोगों...
मैत्री के बिना रीता रह जाएगा महाकुंभ
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
बड़ी साध थी कि महाकुंभ जाऊं। लेकिन लगता है कि अपना घटकुंभ अभी कांचा है इसलिए इसे अभी पकाना और...
समतावादी आंदोलनों को नई ऊर्जा देने की कोशिश
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
हमारी सभ्यता अपनी कालगणना में जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का विमर्श पीछे...