Tag: गांधी और धर्म
गांधी का धर्म – तीसरी व अंतिम किस्त
— नारायण देसाई —
गांधी की सबसे बड़ी धर्म-सेवा यह थी कि उन्होंने सच्चाई, सादगी और त्याग जैसे व्यक्तिगत गुणों को सामाजिक मूल्य बनाने की...
गांधी का धर्म – दूसरी किस्त
— नारायण देसाई —
लंबे समय तक गांधी कहते रहे कि ईश्वर सत्य है। लेकिन 1928 के आसपास उन्हें लगा कि ‘सत्य ही ईश्वर है’...