Tag: रज़ा फाउंडेशन
कलाओं के बीच संवाद
— विमल कुमार —
हिंदी साहित्य की दुनिया में आपसी संवाद का संकट आज भी विद्यमान है। ऐसे में कलाओं की विभिन्न विधाओं के बीच...
नृत्य केवल देह की भाषा नहीं है
— विमल कुमार —
नृत्य के बारे में एक आम धारणा है कि वह देह की भाषा है लेकिन नृत्य देह को छोड़कर उससे परे...
अज्ञेय से ‘लव हेट’ रिश्ता आज भी है
— विमल कुमार —
अज्ञेय की गिनती बीसवीं सदी के यशस्वी लेखकों में होती रही है और उनका प्रभामंडल करीब चार दशक तक छाया रहा...
गांधीजी के कत्ल के सदमे से विश्वप्रसिद्ध चित्रकार रज़ा पाकिस्तान में...
— अरविन्द कुमार —
आज से करीब 6 साल पहले विश्वप्रसिद्ध चित्रकार सैयद हैदर रज़ा इस दुनिया से फानी हो गए थे लेकिन 9 जुलाई...