— राजकिशोर — खतरा अभी धुँधला-सा है, पर धीरे-धीरे बढ़ेगा। ग्लोबीकरण हिन्दी को, जैसी वह आज हमारे सामने है, अंततः खा जाएगा। दरअसल, हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसकी तुलना …
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— अरुण कुमार त्रिपाठी — चौदह सितंबर 1949 को जब संविधान सभा में महज एक वोट के मुकाबले हिंदुस्तानी के बदले हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया तब महात्मा …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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