Tag: Inequality in India
भारत में बढ़ती गैरबराबरी पर चुप्पी क्यों है?
— प्रभात कुमार —
भारत आज भी गरीबों, मजलूमों और मजदूरों का विशुद्ध देश है। कम से कम इस देश की 50 फीसद आबादी आजादी...
समता और संपन्नता – राममनोहर लोहिया : पहली किस्त
(डॉ लोहिया का यह लेख 1966 का है। कुछ महीने पहले सेतु प्रकाशन से अरविन्द मोहन के संपादन में लोहिया के चिंतन का...
भारत में अमीर गरीब की नित बढ़ती खाई
— डॉ. लखन चौधरी —
भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है, लेकिन बेरोजगारी दर पिछले 45-50 साल के चरम पर...
भारत में गैरबराबरी कितनी है
— हर्ष मंदर —
भारत एक घोर विषमता वाला देश है। महामारी के वर्षों में यह साफ दीख पड़ा कि यह विषमता भारत के करोड़ों...
जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहां हैं !
— राम जन्म पाठक—
इस समय जब मैं यह टीप लिख रहा हूं, तब भारत के 74वें गणतंत्र की पूर्वसंध्या नहीं, उत्तर संध्या है। भारत...
कहीं से कोई सदा नहीं आती!
— राम जन्म पाठक —
अक्सर रात के तीन-चार बजे नींद उचट जाती है। 'कुरआन' में नींद को छोटी मौत कहा गया है। तो क्या...
अमीर-गरीब में बढ़ती खाई को राजनीति का मुद्दा बनाएं
— योगेन्द्र यादव —
भारत जोड़ो यात्रा से और कुछ हासिल हो या न हो, कम से कम अमीर और गरीब के बीच बढ़ती हुई...
आज के भारत में विषमता कितनी है
— रमाशंकर सिंह —
विदेशमंत्री जयशंकर का यह ताजा बयान कि भारत प्रति व्यक्ति 2000 डॉलर (160000 रु. आय प्रतिवर्ष यानी करीब 13333 रु प्रतिमाह...
कोरोना काल में भारत दुनिया के सर्वाधिक असमानता वाले देशों में...
22 सितंबर। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई। इससे देश में आर्थिक असमानता बढ़ गई।...
विषमता की खाई में विकास की समाधि
— जयराम शुक्ल —
लोकभाषा के बडे़ कवि कालिका त्रिपाठी ने कभी रिमही में एक लघुकथा सुनाई थी। कथा कुछ ऐसी थी कि..दशहरे के दिन...