Tag: Nalin vilochan Sharma
नलिन विलोचन शर्मा की कविता
गीत
दृष्टि जा पाए जहाँ तक
सामने हो भूमि ऐसी
सिर्फ बालू, धूल
जिसमें दूर-दूर बबूल
शूलमय दो-चार दीखें।
परम विरही के नयन-सी शुष्कता,
हृदय जैसी शून्यता
निबिड़; चारों ओर
हो रहा उपहास...