Tag: Rajkishore
बाजारवाद का अधूरा विरोध
— राजकिशोर —
भारत में बाजार व्यवस्था के दुष्परिणाम जैसे-जैसे सामने आ रहे हैं, उसके विरोधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। सभ्यता के इतिहास...
भारत की अधिकतर स्त्रियों के लिए नारी मुक्ति का अर्थ क्या...
— राजकिशोर —
(दूसरी किस्त)
भारत की बहुसंख्य स्त्रियों के लिए नारी मुक्ति का अर्थ क्या है? मैं चार चीजों का उल्लेख करना चाहूँगा- (1) घर...
स्त्री मुक्ति के चार औजार
— राजकिशोर —
स्त्री मुक्ति पर जिस तरह का लेखन हमारे यहाँ ज्यादातर देखने में आ रहा है, उससे यह झलक मिलती है कि पुरुषों...
जो न दे मुझको जुबाँ और – राजकिशोर
भाषा मनुष्य को स्वतंत्र करती है- यह कहने का तात्पर्य यह नहीं है कि जब भाषा नहीं थी, तब मनुष्य स्वतंत्र नहीं था। स्वतंत्रता...