Tag: Vijay Ray
समकालीन कविता पर व्यापक विमर्श
— संजय गौतम —
पिछले वर्षों में लमही (संपादक - विजय राय) ने अपने विशेषांकों से खासी प्रतिष्ठा अर्जित की। कोविड समय में संसाधनों की...
‘लमही’ के अमृतराय विशेषांक का लब्बोलुआब
— विजय राय —
अमृतराय विलक्षण प्रतिभा के धनी रचनाकार थे। वे व्यक्ति नहीं संस्था थे। प्रेमचंद की विराट प्रगतिशील परम्परा के सच्चे उत्तराधिकारी होने...