1 अप्रैल,नई दिल्ली।जय किसान आंदोलन ने धान के बाद अब मार्च में गेहूं में हुई किसानों की लूट के आंकड़े जारी किए हैं। धान और गेहूं, एमएसपी के दायरे में आनेवाली सबसे मुख्य फसले हैं। लेकिन इन दो फसलों में भी देश के ज्यादातर किसानों को एमएसपी नहीं मिल पाता है। एमएसपी लूट कैलकुलेटर के जरिए हुए खुलासे के मुताबिक गेहूँ की फसल में किसानों की मार्च महीने में 196.93 करोड़ की लूट हुई
सबसे ज्यादा नुकसान मध्यप्रदेश के किसानों को हुआ। मध्यप्रदेश के किसानों को 77.17 करोड़ का नुकसान पिछले 31 दिनों में हुआ।
सरकार ने गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी ₹1975 निर्धारित किया था। लेकिन देश की सभी मंडियों में किसान को औसतन ₹1836 ही मिल पाए। 1 मार्च से 31 मार्च के बीच किसान को गेहूँ एमएसपी से नीचे बेचने की वजह से 196.93 करोड रुपए का घाटा हुआ।
एमएसपी की तुलना में सबसे कम दाम मिलने के मामले में छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति सबसे बुरी थी क्योंकि उन्हें औसतन केवल ₹1453 ही मिल पाए यानी छत्तीसगढ़ के गेहूँ उत्पादक किसान को ₹522 प्रति क्विंटल की लूट सहनी पड़ी। वहीं कुल लूट के मामले में मध्यप्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इन 31 दिनों में मध्यप्रदेश के गेहूँ उत्पादक किसान की कुल ₹77.17 करोड़ की लूट हुई जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों की क्रमशः ₹67.75 करोड़ और ₹29.05 करोड़ की लूट हुई।
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