हलचल
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कड़वी सच्चाई – अबुआ सरकार में भी...
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (10 दिसम्बर) के उपलक्ष्य में झारखंड जनाधिकार महासभा ने आज प्रेस वार्ता का आयोजन कर पिछले एक साल के कई तथ्यान्वेषणों...
विचार
अरावली खतरे में है – गंगा सहाय मीणा
पश्चिमी भारत की आन, बान और शान अरावली पर्वत श्रृंखला खतरे में है। केंद्र सरकार की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया...
तानाशाही और जनतन्त्र – लाड़ली मोहन निगम
(लाड़ली मोहन निगम समाजवादी नेता रहें। लोहिया जी के सहयोगी और जॉर्ज के साथ बडौदा कांड के सह अभियुक्त भी रहे। उनका यह लेख...
वीडियो
अब न रेलें भरोसे की रहीं न हवाई जहाज – राकेश...
कहने को भारत में घरेलू विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू बाजार है। 2025 में, यह...
अन्य स्तम्भ
स्मृति : सच्चिदानंद सिन्हा
— परिचय दास —
सच्चिदानंद सिन्हा उन विरल समाजवादी विचारकों में थे जिन्होंने भारतीय सामाजिक जीवन को केवल सिद्धांतों के आधार पर नहीं बल्कि जमीनी...
संवाद
संंघ पर जेपी की राय
आज जेपी यानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है। १९७४ के आंदोलन में उन्होंने सभी कांग्रेस विरोधी दलों को संपूर्ण क्रांति के लिए अपने...
अन्य लेख पढ़ें
पयामे जम्हूरियत है ज़रा ग़ौर से सुनिए
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की 1999 की तरह 136 सीटों पर हुई जीत तो अहम है ही लेकिन...
जिंदगी की गुम त्रासदियों के अक्स
— डॉ. प्रकाश मनु —
शैलेंद्र चौहान की पहचान ज्यादातर उनकी कविताओं से है। पर वे बड़े अच्छे गद्यकार भी हैं। उनके पास सीधे-सादे, मामूली...
बहुत याद आते हैं राजकिशोर जी
— अनिल जैन —
लगता ही नहीं कि राजकिशोर जी को इस दुनिया से रुखसत हुए सात साल हो गए। 4 जून 2018 को उनकी...
REVISITING THE CRIME? VIEWING “THE SABARMATI REPORT”
— Mohan Guruswamy —
The new movie “The Sabarmati Report” is yet another effort by the Bhaktard gang to create an alternate reality with movie...
साप्ताहिकी
रमेश चंद शर्मा की कविता
तिब्बत, जी हां तिब्बत,
मैं तिब्बत ही तो कह रहा हूं,
बार बार कह रहा हूं,
दर्द सह रहा हूं, दर्द कह रहा हूं,
आपने क्यों नहीं सुना,
आप...
श्रवण गर्ग की कविता!
‘पता है हमें ! क्यों डरता है ज़मींदार हमसे !’
माथों पर कोई बोझ नहीं बचा है
पीठ पर कोई सामान नहीं
हाथों में भी कुछ नहीं
हाथ...





























































































