हलचल
कामरेड रणवीर नहीं रहे
अनूठे लोकतंत्र सेनानी और निष्ठावान कम्युनिस्ट कॉमरेड रणवीर नहीं रहे।जेपी आंदोलन के दौर तक उ प्र में देश की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी भारतीय...
विचार
अमर्त्य मतलब जो कभी भी मृत नही होता!
— डॉ. सुरेश खैरनार —
रवींद्रनाथ ठाकुर ने स्वयं यह नाम रखा क्योंकि इस बालक का जन्म शांतिनिकेतन में अपने नाना क्षितिमोहन के घर में...
देश की एकता पर लपकते और शिखा से पादुका तक पैने...
— बादल सरोज —
जाति जनगणना के सवाल पर मनु-जायों का कुनबा बिल्लयाया हुआ है। न उगलते बन रहा है, न निगलते!! हजार मुंह से...
वीडियो
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और योरोपीय संघ की चिंता
— शैलेन्द्र चौहान —
अगर, यूरोपीय लोग इस 5 नवंबर को अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का चुनाव कर सकते हों, तो उसका परिणाम एकदम स्पष्ट...
अन्य स्तम्भ
अंग्रेजी शासन ने सबसे पहला परिवर्तन दंड व्यवस्था में किया
— मधु लिमये —
हिन्दू राज और मुस्लिम राज के जमानों के पक्षपातपूर्ण दांडिक कानूनों में बुनियादी फेरबदल अंग्रेजी राज के जमाने में हुए थे।...
संवाद
संंघ पर जेपी की राय
आज जेपी यानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है। १९७४ के आंदोलन में उन्होंने सभी कांग्रेस विरोधी दलों को संपूर्ण क्रांति के लिए अपने...
अन्य लेख पढ़ें
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 20वीं किस्त
बायझेंटीन साम्राज्य के कुछ हिस्सों में तुर्क राज्य उदित हो गए थे। उनमें से उस्मान नाम के तुर्क नेता के वंशजों ने अपने राज्य...
सेंचुरी के श्रमिकों का संघर्ष नये मोड़ पर
22 जुलाई। सेंचुरी के श्रमिकों का सत्याग्रही संघर्ष 1375 दिन पूरा कर चुका है। इस बीच सेंचुरी कंपनी को खरीद कर पूरी संपत्ति 62 करोड़ रुपए में अपने...
साहित्य में ‘रजनीगंधा’ से एतराज क्यों?
— विमल कुमार —
हिंदी साहित्य के इतिहास में 1933 में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के 70वें जन्मदिन पर काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा एक...
Madhu Limaye : An Inspiring, Committed Socialist
— George Mathew —
I have wonderful memories of my association with Madhu Limaye Ji, the best known among the second generation leaders of the...
साप्ताहिकी
दिवाली की शुभकामनाएं
— मेधा पाटकर —
चलो जलाए दिये की वात..दिल की बात....
दिन डूब गया,द्वार में खड़ी रात!!
दीपावली हो या ईद,मनाते मनमुराद...
पर वंचित सहेंगे कैसे आघात,दिनरात?
बेघर किया...
स्व.डॉक्टर मंगल मेहता की कविताएं
देश चर्या
रंगें बातें,
रोपें ड़र
निहाल-
गेंडा
इत्ता भर याद रखना
मेरे दुलारे
मन दर्पण में सपने
हजार हजार देखना,
पर इन तंग गलियों,
माटी की दीवारों की छुवन याद रखना।
आकांक्षाओं की चहकन,फुदकन
बावला...