18 जुलाई। संयुक्त किसान मोर्चा 15 जुलाई को सिरसा (हरियाणा) प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ लगाए गए राजद्रोह और अन्य आरोपों को वापस लेने की मांग की है। एसकेएम ने गिरफ्तार नेताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की है।
गौरतलब है कि रविवार (11 जुलाई) को विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मामले में पुलिस द्वारा ये दमनकारी कदम उठाए, जहां प्रशासन प्रदर्शनकारियों पर हिंसा का आरोप लगा रहा है। हालांकि, प्रशासन अब तक ऐसा कोई वीडियो या अन्य सबूत नहीं पेश कर पाया है जहाँ कि किसान कथित हिंसा में शामिल हों। शनिवार को प्रशासन के साथ 21 नेताओं के नेतृत्व में किसानों की वार्ता विफल होने के बाद, एसकेएम नेताओं ने प्रशासन को एक अल्टीमेटम जारी किया। रविवार दोपहर 12 बजे की समय सीमा दी गई थी, जिसके बाद बलदेव सिंह सिरसा द्वारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू किया जाना था, जब तक कि प्रशासन किसानों की मांगों को नहीं मानता। इस मीडिया नोट के जारी करने के समय तक आमरण अनशन शुरू हो चुका था कि जन समर्थन पूरी तरह गंवा चुकी हरियाणा सरकार हताशा में, प्रदर्शन कर रहे किसानों पर राजद्रोह जैसे आरोप लगाने के हथकंडे अपना रही है। यह विडंबना है कि जब सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह के कानून के दुरुपयोग के खिलाफ बोल रहा है तब राज्य पुलिस इन पुराने और असंवैधानिक हथकंडों का इस्तेमाल कर रही है।
संसद पर प्रदर्शन की तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति ने आज दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर से मुलाकात कर दिल्ली पुलिस को मानसून सत्र के दौरान संसद के समक्ष विरोध प्रदर्शन के संबंध में एसकेएम की योजनाओं की जानकारी दी। दिल्ली पुलिस को आश्वासन दिया गया कि किसान आंदोलन की संसद का घेराव करने या उसमें जबरन घुसने की कोई मंशा नहीं है।
इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा संसद पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी जोरों पर है। संसद के प्रत्येक कार्य-दिवस पर विभिन्न राज्यों से 200 किसानों के एक दल द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल होनेवाले किसानों की सूची तैयार की जा रही है। इसके लिए एसकेएम ने एक कमेटी भी बनाई है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, बिहार, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से किसान मोर्चा में पहुंच रहे हैं।
विभिन्न राज्यों में किसान आंदोलन से जुड़े प्रतिनिधिमंडल सांसदों से मिल रहे हैं और एसकेएम द्वारा जारी व्हिप सौंपा जा रहा है।
एसकेएम ने राजनीतिक नेताओं के सामाजिक बहिष्कार और उनके खिलाफ काले झंडे सहित विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक बार फिर स्पष्ट किया कि यह भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं पर लक्षित है, न कि अन्य दलों पर।
रोहतक में धरना समाप्त
रोहतक में, भाजपा हरियाणा के नेता और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन एक सौहार्दपूर्ण समझौते के बाद समाप्त हो गया। पूर्व मंत्री की कार से अश्लील इशारे करने के विरोध में 5 दिनों तक चले धरने के बाद, आज मनीष ग्रोवर और प्रदर्शनकारी किसानों की मुलाकात के बाद धरना समाप्त हो गया।
यह बैठक कुछ प्रतिष्ठित स्थानीय मध्यस्थों और प्रशासन की पहल पर आयोजित की गई थी। जिसने मेल-मिलाप का मार्ग प्रशस्त किया। पूर्व मंत्री ने 10 जुलाई को हुई इस घटना से आक्रोशित महिलाओं से बात की। विनोद भयाना (हांसी विधायक) के पास बैठे व्यक्ति को ठीक से नहीं पहचान पाने की उनकी बात सुनकर पूर्व मंत्री ने महिलाओं के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया। पीड़ित महिलाओं ने विचार-विमर्श और परिणाम पर संतोष व्यक्त किया। इसके साथ ही उनके घर पर धरना समाप्त कर दिया गया है और 19 जुलाई को होनेवाली महिला महापंचायत को रद्द कर दिया गया है।
कैथल में मंत्री व सांसद को काले झंडे दिखाए गए
हरियाणा के कैथल में, मंत्री कमलेश थंडा और भाजपा सांसद नायब सैनी को कल काले झंडों सहित विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा, जहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी उन कार्यक्रमों के विरोध में एकत्र हुए, जिनमें भाजपा नेता हिस्सा ले रहे थे।
बीकेयू टिकैत का स्पष्टीकरण
वर्तमान आंदोलन में शामिल किसान संगठनों में से एक बीकेयू टिकैत ने स्पष्ट किया है कि उसकी चुनाव लड़ने की कोई योजना नहीं है। बीकेयू टिकैत ने इस संबंध में उत्पन्न हुए भ्रम के लिए दैनिक जागरण (हिंदी दैनिक) की जानबूझकर गलत रिपोर्टिंग को जिम्मेदार ठहराया, और इस अखबार के बहिष्कार का आह्वान किया। सिसौली में नरेश टिकैत ने कहा कि आनेवाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नेता चुना जाना चाहिए कि अगर वह या उसका दल कोई फैसला किसानों के खिलाफ करे तो वह नागरिकों से आकर माफी मांगे और साथ ही अपने पदों से इस्तीफा दे। बीकेयू-टिकैत मतदाताओं से इस बात का ध्यान रखने की अपील करेगा।
एक बच्चे की गिरफ्तारी
भाजपा के संजय टंडन और रविकांत शर्मा (चंडीगढ़ के मेयर) के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए किसानों पर कल चंडीगढ़ पुलिस ने हिंसा का प्रयोग किया। इससे भी बदतर, उन्होंने एक बच्चे को भी पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया! जब 8 साल के बच्चे की गिरफ्तारी की विडियो क्लिप वायरल हुई, तो पुलिस ने एक तुच्छ स्पष्टीकरण दिया जो किसी के गले नहीं उतर सकता। यह दिखाने के लिए बहुत सारे सबूत हैं कि पुलिस ने वास्तव में लड़के को पकड़ा और गिरफ्तार किया। एसकेएम ने आज चंडीगढ़ पुलिस के द्वारा 3 प्रदर्शनकारियों की 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत की निंदा की।
किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुटता और समर्थन व्यक्त करने के लिए कल पंजाब से वकीलों और कलाकारों का एक बड़ा दल टिकरी सीमा पर पहुँचा।