7 अक्टूबर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को इंदौर में भी लखीमपुर की घटना के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों और जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने संभाग आयुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर स्कॉर्पियो जीप दौड़ाकर कई किसानों की हत्या कर दी और अब योगी और मोदी सरकार उस अपराधी को संरक्षण देने का काम कर रही हैं। इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शनों के सिलसिले में इंदौर में सर्वश्री अरुण चौहान, रामस्वरूप मंत्री, रामबाबू अग्रवाल, दिलीप राजपाल, केदार सिरोही, प्रमोद नामदेव, बबलू जाधव, रुद्रपाल यादव, सोनू शर्मा के नेतृत्व में प्रभावी प्रदर्शन हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने लखीमपुर घटना की न्यायिक जांच कराने, अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांगों की तख्तियां हाथों में लिये हुए करीब 1 घंटे तक संभागायुक्त कार्यालय के समक्ष नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों को सर्वश्री अरुण चौहान हरिओम सूर्यवंशी, रामबाबू अग्रवाल, विनीत तिवारी, रामस्वरूप मंत्री, सोहनलाल शिंदे आदि ने संबोधित किया। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से अरविंद पौरवाल, सोनू शर्मा, राजू जरिया, लाखन सिंह पटेल, भरत सोलंकी, छेदीलाल यादव, मोहम्मद अली सिद्दीकी, खुर्शीद मंसूरी, रजनीश जैन, मुस्तफा बादशाह आदि शामिल थे।
सभा के बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन संभाग आयुक्त को दिया जिसमें कहा गया है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में किसानों को रौंदकर दिनदहाड़े उनकी बर्बर हत्या करने की घटना से पूरा देश क्षुब्ध है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र “टेनी” के बेटे और उसके गुंडे साथियों ने जिस बेखौफ तरीके से यह कातिलाना हमला किया वह उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की एक गहरी साजिश को दिखाता है। अजय मिश्रा पहले ही किसानों के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषण देकर इस हमले की भूमिका बना चुके थे। यह संयोग नहीं कि उसी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक तौर पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को किसानों के खिलाफ लट्ठ उठाने और हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं।
ज्ञापन में मांग की गई की :
1. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को तुरंत मंत्रीपद से बर्खास्त किया जाए और उनके विरुद्ध हिंसा उकसाने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का मुकदमा दायर किया जाए।
2. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा “मोनू” और उसके साथी गुंडों पर तुरंत 302 (हत्या) का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
3. इस वारदात की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी द्वारा की जाए।
4. संवैधानिक पद पर रहते हुए हिंसा के लिए उकसाने के दोषी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से बर्खास्त किया जाए।
– रामस्वरूप मंत्री
संयोजक, किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़