संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उपचुनावों के नतीजे, खासकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में, भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चेतावनी हैं, अगर वह सरकारी नीतियों को नागरिकों के हितों के अनुरूप नहीं बनाती है तो उसे परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
3 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को सिर्फ एक सीट मिली। 14 राज्यों की 30 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में विशेषकर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में, जहां-जहां किसान आंदोलन ने अपनी ताकत लगाकर मतदाताओं से किसान विरोधी नीतियों के लिए भाजपा को दंडित करने का आग्रह किया था, वहां परिणाम भाजपा के खिलाफ गये।
खट्टर का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का यह बयान, कि संवाद ही किसी भी आंदोलन, और किसानों के संघर्ष का समाधान है, बिल्कुल सही है। हालांकि यह भाजपा के पाखंड को दर्शाता है जो प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार नहीं है। वार्ता का अंतिम दौर 22 जनवरी 2021 को समाप्त हुआ था। इसके बाद सरकार ने वार्ता को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया है। इस बीच, खट्टर सहित कई भाजपा नेताओं ने किसानों के खिलाफ धमकी भरे बयान दिये हैं और हरसंभव तरीके से आंदोलन को दबाने की कोशिश की है।
न्याय प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश
लखीमपुर खीरी हत्याकांड के चार आरोपियों की जमानत याचिका सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी। इस बीच, भाजपा नेताओं द्वारा मामले में न्याय को कमजोर करने के लिए सतत प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें अधिकारियों का स्थानांतरण, गवाहों की रिपोर्ट में देरी और आरोपी आशीष मिश्रा और उसके सहयोगियों को वीआईपी सुविधाएं दिया जाना शामिल है। नरसंहार के मुख्य सूत्रधार अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं। एसकेएम ने अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग दोहरायी है।
कपास की फसल को नुकसान
पिंक बॉलवर्म के भारी प्रकोप से पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में कपास किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है। परिणामस्वरूप किसानों की आत्महत्या के कई मामले सामने आ रहे हैं। क्षति की सीमा के वर्गीकरण के आधार पर सरकार द्वारा ₹ 2000 और ₹ 12000 प्रति एकड़ के बीच दिया जानेवाला मुआवजा, किसानों के नुकसान की आंशिक भरपाई भी नहीं करता, औसतन अनुमानित नुकसान ₹ 60,000 प्रति एकड़ है। पंजाब के किसान संगठन घाटे में चल रहे किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
2020 और 2019 में एक ही समय में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों के स्टॉक के संबंध में आधिकारिक आंकड़े, डीएपी जैसे उर्वरकों की महत्त्वपूर्ण कमी की स्पष्ट तस्वीर दिखाते हैं। एसकेएम की मांग है कि सरकार संकट से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम तत्काल उठाए।
सिंघू मोर्चा पहुंचे लोक कलाकार
सिंघू मोर्चा पर आज पंजाबी लोक कलाकारों मनमोहन वारिस और कमल हीर ने आंदोलनकारी किसानों के लिए कला-प्रदर्शन किया और उनका उत्साह बढ़ाया। “हम जीतेंगे ज़रूर, जंग जारी रखना” गीत ने किसानों को फिर से प्रेरित किया। वे कार्यक्रम करने के लिए टिकरी मोर्चा पहुंचे। प्रदर्शन कर रहे किसान जल्द ही दिल्ली की सीमाओं पर लगातार संघर्ष का एक साल पूरा कर लेंगे। पंजाब और अन्य राज्यों के कलाकारों ने आंदोलन को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह बहुत सम्मान और स्नेह के साथ इसकी सराहना करता है।