कौन-सी संस्थाएं सरकार के निशाने पर हैं

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— रमाशंकर सिंह —

ब भारत सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से बल्कि षडयंत्रपूर्वक वह सब होना शुरू हो गया है यानी हर उस संस्था/समूह को निशाने पर लेना, जो वर्तमान सत्ता की विचारधारा का मददगार नहीं है। एक एक कर सब को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा और सबसे आसान है इनकी प्राणवायु बंद कर देना। अनुदान या दान की यह आक्सीजन सिर्फ एक विचारधारा से जुड़े किसी भी संगठन की बंद नहीं की जा रही है।

बेहतर तो यह होता कि सरकार पारदर्शी तरीके से उन विदेशी अनुदानों को बंद करती जिनका दुरुपयोग हो रहा है या फिर किसी भी प्रकार से देशहित के विरुद्ध उपयोग होता है लेकिन पारदर्शिता और निष्पक्षता एकाधिकारवादी तानाशाही संगठनों को कब कहॉं पसंद आयी है? अब हजारों गैरसरकारी संगठनों का एफसीआरए लाइसेंस रद्द हुआ है जिनमें एक भी वैसा संस्थान नहीं हैं जो हिंदूराष्ट्र की अवधारणा के साथ खुलकर है।

“ केवल मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटीज ही नहीं, 5789 संस्थाओं का एफसीआरए लाइसेंस अब रद्द है। संस्थाओं के नाम भारत की शिक्षा, संस्कृति, मुफ्त चिकित्सा से जुड़े हुए हैं। जाहिर है, ये संस्थाएं पूरे विश्व में गांधी की विचारधारा को मजबूत करती हैं।

कुछ मुख्य नाम है-

– नेहरू म्यूजियम एंड लाइब्रेरी
– इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स
– लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल फाउंडेशन
– आईआईटी, दिल्ली
– न्यूक्लियर साइंस सेन्टर, जेएनयू
– इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
– लेडी श्रीराम कॉलेज फ़ॉर वीमेन
– दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
– ऑक्सफॉम इंडिया
– मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया
– ट्यूबरक्यूलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया
– विश्व धर्मायतन
– महर्षि आयुर्वेद प्रतिष्ठान
– इम्मानुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन
– हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी
– इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर
– मारवाड़ी युवा मंच
– गोदरेज मेमोरियल ट्रस्ट
– इंडिया हैबिटैट सेंटर, दिल्ली
– डीएवी कॉलेज/डीपीएस सोसाइटी
नेशनल फेडरेशन फ़ॉर फिशरमैन कोऑपरेटिव
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिन्सट्रेशन”
आदि आदि।

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