एमएसपी गारंटी कानून के लिए मप्र में निकलेगी किसान अधिकार यात्रा

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13 मार्च। रविवार को किसान संघर्ष समिति की ओर से आयोजित 291वीं किसान पंचायत (आनलाइन) समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस किसान पंचायत को मध्य प्रदेश के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि 14 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चे की राष्ट्रीय बैठक दिल्ली में आयोजित की गयी है। बैठक में किसान आंदोलन की भावी रणनीति तय की जाएगी। डॉ सुनीलम ने प्रदेश के विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे एमएसपी की कानूनी गारंटी के संघर्ष से प्रदेश के हर किसान को जोड़ने की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि किसानों को 3 किसान विरोधी कानूनों की परोक्ष तरीके से प्रदेशों में वापसी की आशंका को लेकर सजग रहना चाहिए।

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के द्वारा रखे गए मुद्दों पर किसान पंचायत में प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन पत्र भेजा गया।

किसान पंचायत के माध्यम से मांग की गयी कि सागर जिले में स्वीकृत जेरा बांध परियोजना लंबे समय से लंबित है इसको प्रारंभ कर असिंचित क्षेत्र के गांवों तक नहर से पानी पंहुचाया जाए।

छुट्टा पशुओं की समस्या के चलते किसानों की फसलें बड़े पैमाने पर तबाह हो रही हैं। छुट्टा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए 75 फीसदी सबसिडी पर तारबंदी योजना शुरू की जाए।

गेहूं खरीदी की नयी गाइडलाइन से किसानों में आक्रोश है। ग्रेडिंग के नाम पर किसानों से 20 रुपये प्रति क्विंटल वसूली के नियम को तत्काल वापस लिया जाए।

विद्युत विभाग द्वारा किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे कायम किए जा रहे हैं तथा अनैतिक ढंग से विद्युत बिल वसूला जा रहा है इसपर तत्काल रोक लगाई जाए।

फसल बीमा के मुआवजे के लिए किसान भटक रहे हैं,  किसानों को सोयाबीन और गेहूं का 2 साल का बोनस का पैसा बकाया है उसे तत्काल किसानों के खाते में डाला जाए।

पिछले दो साल से इंदौर सहित प्रदेश की विभिन्न मंडियों में किसानों की उपज खरीद कर व्यापारी फरार हो चुके हैं। उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। इंदौर में 186 किसानों का 2019 से पौने तीन करोड़ रुपया बकाया है। उसका भुगतान भी नहीं हो रहा है। इंदौर के कलेक्टर द्वारा दो बार मंडी निधि से भुगतान किए जाने का प्रस्ताव बनाकर भेजे जाने के बावजूद अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। मंडियों में लूट के शिकार किसानों को मंडी फंड से तत्काल भुगतान कराया जाए।

वर्ष 2020 में नष्ट हुई खरीफ फसल की राशि किसानों के खाते में जमा की गयी उसकी निकासी पर बैंकों ने होल्ड कर दिया है। जिसका होल्ड हटाया जाए।

सिंगरौली जिले में पूर्व स्वीकृत गौड़ परियोजना अन्तर्गत ग्राम पंचायत जालपानी में ही बांध निर्माण करवाया जाए, चमारी डोल में रह रहे आदिवासियों को बेदखल न किया जाए तथा आदिवासियों को क्रय-विक्रय के लगाये गये प्रतिबंध से तत्काल मुक्त किया जाए।

सीहोर जिले में पार्वती रसाई सिंचाई परियोजना जो 20 हजार करोड़ की है उसमें सांका, श्यामजी, रावतखेड़ा, महुआखेड़ा आदि 8 गांव पूरी तरह डूब में जा रहे हैं। सिंचित भूमि को असिंचित बताया जा रह है। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के विस्थापन और पुनर्वास कानून को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके खिलाफ 42 गांवों के किसानों ने पंचायत कर आन्दोलन की तैयारी का निर्णय लिया है। आज की किसान पंचायत में किसान आंदोलन के समर्थन का निर्णय लिया गया।

सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी का कानून  बनवाने के लिए प्रदेश भर में किसान अधिकार यात्रा निकालने का  प्रस्ताव पारित किया गया।

राजधानी भोपाल के पास बैरासिया में गायों की सामूहिक मौत  की उचित जांच तथा गौशाला संचालिका भाजपा नेत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की किसान पंचायत ने राज्य सरकार से मांग की।

किसान पंचायत को अ.भा.किसान सभा के प्रदेश महासचिव प्रहलाद दास बैरागी, रीवा से संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक एड शिवसिंह, रीवा से शहीद राघवेंद्र सिंह, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह शंकु, इंदौर से अ.भा.किसान खेत मजदूर संगठन के राज्य कमेटी सदस्य सोनू शर्मा, सागर से भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के अध्यक्ष संदीप ठाकुर, छिंदवाड़ा से किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव,  इंदौर से इंदौर-मालवा क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री, सिवनी से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव डॉ राजकुमार सनोडिया, सीधी-सिंगरौली के संयोजक निसार आलम अंसारी, सिंगरौली के जिलाध्यक्ष एडवोकेट अशोक सिंह पैगाम, सागर के जिलाध्यक्ष अभिनय श्रीवास, ग्वालियर से किसान संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव, सिवनी से किसंस के संयोजक राजेश पटेल, मुलताई से किसंस के महामंत्री भागवत परिहार आदि ने संबोधित किया।

– भागवत परिहार

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