17 मार्च। कोलकाता हाईकोर्ट ने 16 मार्च को दिए एक अंतरिम आदेश में बंगाल पुलिस को निर्देश दिया है कि वह अवीक साहा पर दबाव डालने का कोई कदम न उठाये। साहा जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष हैं और किसानों तथा अन्य कमजोर तबकों के लिए लड़ते रहे हैं, एक वकील के रूप में भी, और एक एक्टिविस्ट के रूप में भी।
बीरभूम जिले में एक खनन परियोजना के विरोध में हुए प्रदर्शनों के चलते एमडी. बाजार थाने में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गयी थीं। इन्हीं एफआईआर के खिलाफ खुद अवीक साहा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी याचिका पर हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा, पुलिस साहा पर नाहक दबाव डालने का काम न करे। हालांकि कोर्ट ने साहा के खिलाफ जाँच जारी रखने की इजाजत दे दी, पर यह भी कहा कि चूँकि साहा दबे-कुचले लोगों की आवाज उठाते रहे हैं, इन कामों में उनकी व्यस्तता को देखते हुए जाँच अधिकारी उनकी सुविधा-असुविधा का ध्यान रखें।