19 मई। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा गेहूं निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध और उससे किसानों को हो रही परेशानी को लेकर इंदौर के किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले राष्ट्रपति के नाम संभागायुक्त के माध्यम से ज्ञापन दिया और कहा कि गेहूं निर्यात पर लगाई गई रोक को तत्काल हटाया जाए तथा किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा, किसान संघर्ष समिति, किसान मजदूर सेना मध्य प्रदेश की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए और किसान तथा छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए अचानक क्यों निर्यात पर रोक लगाई है। संभाग आयुक्त से मिले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव ने किया। प्रतिनिधिमंडल सर्वश्री शैलेन्द्र पटेल, अरशद पटेल ,अमन जाधव आदि मौजूद रहे।
दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि देश भर में गेहूं की कटाई होने के बाद किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडी ला रहा है। पिछले 15 दिनों से किसान गेहूं बेच रहा था और उसे ठीक-ठाक भाव भी मिल रहा था। लेकिन सरकार ने 2 दिन पूर्व गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके चलते मंडियों में गेहूं के भाव 200 से ₹300 प्रति क्विंटल की दर से गिर गए और व्यापारियों को भी भारी नुकसान हुआ।क्षअचानक की गई सरकार की इस घोषणा से हजारों टन गेहूं रास्ते और पोर्ट पर अटका हुआ है। वहीं व्यापारी अपना नुकसान होने की आशंका के चलते मंडी में खरीदी बंद कर रहे हैं।
चूंकि खरीफ सीजन में खेतों की जुताई और विवाह सीजन के चलते किसानों को पैसे की जरूरत है, फसल उसके घर में है, इसके बावजूद उसका माल खरीदने को कोई तैयार नहीं है। सरकार के इस अदूरदर्शी फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि देश के किसानों और आम लोगों के हित को देखते हुए सरकार गेहूं निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल वापस ले।
– रामस्वरूप मंत्री
संयोजक, संयुक्त किसान मोर्चा इंदौर
बबलू जाधव
प्रदेश अध्यक्ष
भारतीय किसान मजदूर सेना मध्य प्रदेश
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