दबंगों ने दलित मजदूर की जंजीर से जकड़कर की पिटाई

0

30 मई। राज्यों में सरकार चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस की, अनुसूचित जाति पर अत्याचार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ दबंगों ने एक मजदूर कर अपहरण कर उसे 30 घंटे से ज्यादा तक भूखा रखा और जंजीरों से बांधकर मवेशियों के बाड़े में फेंक दिया और लोहे की रॉड से पिटाई भी की। पीड़ित के शिकायत दर्ज कराने के बाद अब पुलिस इस केस में फरार सभी छह आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। राजस्थान के बूंदी के तालेड़ा थाना क्षेत्र के अल्फानगर गाँव में रोंगटे खड़े करनेवाली यह घटना है।

पुलिस ने दो भाइयों सहित छह लोगों के खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने, मारपीट करने, गलत तरीके से पैसे की वसूली का दबाव बनाने के मामले को लेकर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, पीड़ित राधेश्याम मेघवाल, मुख्य आरोपी परमजीत सिंह के यहाँ एक हील मजदूर के रूप में काम कर रहा था, उसके साथ मारपीट की गई थी।

इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक शंकरलाल मीणा ने कहा, कि मामले के छह आरोपी फिलहाल फरार हैं, और हमने उनकी तलाश के लिए टीमों का गठन किया है। प्रारंभिक जाँच से पता चला है, कि मेघवाल को एक मवेशियों के बाड़े में जंजीरों में बाँधकर रखा गया था। मेघवाल की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है, कि उसके पास कोई जमीन या संपत्ति नहीं है, ऐसे में वह बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर है।

पीड़ित राधेश्याम को आरोपी परमजीत सिंह ने 3 साल पहले 70 हजार सालाना मजदूरी पर हाली के काम पर रखा था। इसके अलावा 30 हजार रुपए राधेश्याम ने कर्ज भी लिया था। परमजीत को मई 2019 से अप्रैल 2020 तक 12 महीने तक हाली बनाकर रखा। राधेश्याम लगातार रात-दिन काम कराने के कारण बीमार पड़ गया। 6 महीने बाद उसने परमजीत सिंह का फार्म हाउस छोड़ दिया।

राधेश्याम की ओर से एडवांस लिये गए 1 लाख का हिसाब नहीं करने पर परमजीत और उसके छोटे भाई द्वारा लगातार राधेश्याम को परेशान किया जाने लगा। काम छोड़ने के 4 महीने बाद राधेश्याम ने 25 हजार रुपए लौटा दिए। बाकी पैसे के लिए मोहलत माँगी। लेकिन राधेश्याम को परमजीत सिंह और उसका छोटा भाई घर से उठाकर ले गये।

10 दिन तक फसल कटाई का काम करवाया। परमजीत सिंह की लगातार प्रताड़ना के बाद 25 हजार रुपए फिर राधेश्याम ने परमजीत को जमा कराए। फिर भी परमजीत उसे प्रताड़ित करता रहा। मेघवाल ने बताया, कि परमजीत ने इस रकम में 3 प्रतिशत ब्याज जोड़ना शुरू कर दिया और साल 2021 में, परमजीत ने उससे जबरन ब्याज सहित रकम ले भी ली। “बीते दिनों 22 मई को, परमजीत, उनके छोटे भाई और उनके चार दोस्तों ने मुझे जातिसूचक शब्दों के साथ गाली दी और फिर परमजीत के घर पर मुझे बंधक बना लिया गया।”

एक दिन सुबह 11 बजे करीब राधेश्याम भरता बावड़ी गाँव में एक दुकान पर बैठा था। जहाँ पर तीन बाइक पर सवार होकर परमजीत उसका छोटा भाई व अज्ञात चार जने राधेश्याम का अपहरण कर परमजीत के घर ले गए। मवेशियों के बाड़े में लोहे की मोटी जंजीर से राधेश्याम को बांध दिया। 30 घंटे तक भूखा प्यासा राधेश्याम को बांधकर रखा। लोहे के पाइप से भी पीटा।

Leave a Comment