6 जून। भारतीय जनता पार्टी कश्मीर से जुड़े हर मसले को हिंदू बनाम मुस्लिम बनाकर देखती और दिखाती रही है। इसीलिए कश्मीरी अस्मिता और कश्मीरियत की उसे कभी समझ नहीं आयी। उसने न तो कश्मीरी मुसलमानों का दुख-दर्द समझा न कश्मीरी पंडितों का। अलबत्ता कश्मीरी पंडितों के घाव कुरेदने और उनके नाम अपनी राजनीति चमकाने का खेल भाजपा खेलती आयी है। लेकिन आज जब जम्मू कश्मीर में राज्यपाल का (परोक्षरूप से भाजपा का) शासन लागू है और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है तब घाटी में कश्मीरी पंडित आतंकवादी हमलों के शिकार बन रहे हैं और पलायन करने को मजबूर हैं। लेकिन कश्मीर फाइल्स फिल्म को सिर-आंखों पर लेने वाली भारतीय जनता पार्टी चुप्पी साधे हुए है।
यह गौरतलब है कि देश में अनेक स्थानों पर मुस्लिम समुदाय ने कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से रोष जताया है। 4 जून को रज़ा एकेडेमी और मुस्लिम समुदाय के लोग मुंबई में मीनार मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए और कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों की निन्दा की तथा कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता का इजहार किया।