11 जुलाई। कल शाम को बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के दो सक्रिय साथियों पर नेठराना में विधायक के समर्थकों द्वारा हमला किया गया। उन्होंने धमकी भी दी, कि अगर विधायक के खिलाफ आवाज उठाई या सोशल मीडिया पर कुछ लिखा फिर से मारेंगे। विधायक समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इस घटना की पुलिस थाने मे रिपोर्ट दर्ज करवाने गए बिजली आंदोलन के जुझारू और संघर्षशील कार्यकर्ता रमेश जी को गोगामेड़ी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले भी बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के सक्रिय साथियों पर गोगामेड़ी पुलिस द्वारा मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था।
बिजली आंदोलन के कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज करना, भारी पुलिस जाब्ते से साथ मजदूर किसानों के बिजली कनेक्शन काटना, आंदोलन के समर्थकों पर भादरा विधायक के लोगों द्वारा जानलेवा हमला और पुलिस थाने मे रिपोर्ट दर्ज करवाने गए साथी की गिरफ्तारी, ये सब साबित करता है, कि शांतिपूर्ण ढंग से लोकतान्त्रिक अधिकारों के लिए चल रहे आंदोलन के दमन के लिए सरकार और भादरा विधानसभा के विधायक किसी भी हद तक जा सकते है।
केंद्र और राज्य सरकारों की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 3 साल से जारी बिजली आंदोलन के प्रति भादरा विधायक का रुख शुरू से ही नकारात्मक रहा है। जहाँ केंद्र में मोदी सरकार निजीकरण को बढ़ावा देकर पूरे बिजली विभाग को ही बेचने की तैयारी कर रही है, वहीं राज्य सरकार भी बिजली बिलों में मनमाने टैक्स लगा कर आम जनता को बहुत महंगी बिजली बेच रही है। राज्य सरकार और भादरा विधायक हिंसा, दमन और कानून का गलत इस्तेमाल से डर फैलाकर हमारी एकजुटता को कमजोर करना चाहते हैं। भादरा विधायक अपने समर्थकों के बल पर हिंसा फैलाकर, ग्रामीणों को आपस में लड़वा कर हमारी एकजुटता को कमजोर करके इस जन आंदोलन का दमन करना चाहते हैं।
बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति आंदोलन के दमन की कड़ी निन्दा करती है व आम मेहनतकश जनता से अपील करती है कि इस तरह के जनता विरोधी नापाक इरादों को बेनकाब करते हुए आपसी एकजुटता के साथ इस आंदोलन को मजबूत करें।
बिजली आंदोलन के साथियों पर दमन, झूठे मुकदमे और हिंसा बंद करो!
बिजली(संशोधन) अधिनियम वापिस लो!
बिजली आंदोलन की सभी माँगों को पूरा करो!
(‘मेहनतकश’ से साभार)