15 जुलाई। बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) के 25 प्रतिशत शेयर बेचे जाने के विरोध में शुक्रवार 15 जुलाई को धनबाद में कोयला भवन मुख्यालय के समक्ष बिहार कोलियरी कामगार यूनियन तथा सीटू ने प्रदर्शन किया। यूनियन के प्रतिनिधियों ने केंद्र की नीतियों का पुरजोर विरोध किया और कोल इंडिया प्रबंधन व कोयला मंत्रालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रतिनिधियों का कहना था, कि यह सरकार 25 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी कंपनियों के हाथ में सौंपना चाहती है, जो मजदूर हित में नहीं है। किसी सूरत में सरकार की मंशा पूरी नहीं होने देंगे।
मासस के नेता अरूप चटर्जी ने कहा, कि केंद्र कोयला उद्योग का निजीकरण करने की तैयारी कर रहा है। परंतु निजीकरण नहीं होने देंगे। केंद्र सरकार के समक्ष 11 सूत्री माँगें रखी गई हैं, जिनमें बीसीसीएल को 25 प्रतिशत शेयर नहीं बेचने, बीसीसीएल, सीसीएल, सीएमपीडी, आईएल को कोल इंडिया से अलग करने की साजिश पर रोक लगाने, गुलाम बनानेवाला श्रम कानून रद्द करने, कोयला उद्योग में नई बहाली जल्द करने की माँग शामिल है। इन्हीं माँगों को लेकर आज कोयला भवन के मुख्य द्वार पर विशाल प्रदर्शन किया जा रहा है। केंद्र सरकार उन सभी माँगों को अविलंब पूरा करे, वरना उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। धरना-प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में श्रमिक शामिल थे।