22 जुलाई। सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस के ट्रस्टियों ने पत्रकार, शिक्षाविद और मानवाधिकार रक्षक और सीजेपी की सचिव तीस्ता सीतलवाड़ के समर्थन में एक बयान जारी किया है। उनके खिलाफ आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए ट्रस्टियों का कहना है, 25 जून 2022 को गिरफ्तारी के समय जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन पर हमला किया गया, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। वे आगे कहते हैं, “हम मानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मामला पूरी तरह से झूठा है और उन्हें 2002 के गोधरा दंगों के पीड़ितों की मदद करने के उनके काम के लिए निशाना बनाया जा रहा है।”
उन्होंने राज्य द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया, कि सेतलवाड़ को अब मृतक कांग्रेस नेता अहमद पटेल द्वारा भुगतान किया गया था, और यह उनके इशारे पर था कि उन्होंने 2002 में गुजरात नरसंहार के समय सत्ता में रहनेवाले लोगों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए। गुजरात राज्य का यह दावा, कि तीस्ता सीतलवाड़ ने अहमद पटेल से धन लिया है, निराधार है। सुश्री सीतलवाड़ का एकमात्र उद्देश्य गोधरा दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय की माँग करना था।
ट्रस्टियों ने यह कहते हुए जालसाजी के आरोपों का भी खंडन किया है, कि वे यह नहीं मानते कि उन्होंने कभी सबूत गढ़े हैं या किसी गवाह को सच के अलावा कुछ भी बोलने के लिए कहा है। सीतलवाड़ ने केवल पीड़ितों के लिए न्याय की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया। 20 जुलाई, 2022 को उनकी जमानत की सुनवाई से संबंधित दलीलें जारी रहीं। ट्रस्टियों ने देश की स्वतंत्र न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है और अपेक्षा की है कि सीतलवाड़ न केवल जल्द से जल्द जमानत पर रिहा हो जाएं, बल्कि उनके खिलाफ दर्ज मामला रद्द किया जाए।
(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)