12 सितंबर। योगी सरकार के सर्व शिक्षा अभियान की पोल खोल रहे अयोध्या के प्राथमिक विद्यालय, जहाँ पर बच्चों को पढ़ने के लिए छत नहीं और ना ही कोई अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध है। सरकार प्राथमिक विद्यालयों पर करोड़ों खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन असली तस्वीर कुछ और ही है।
विदित हो, कि जिले में पिछले 3 साल से बछड़ा सुल्तानपुर प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग बनाई जा रही है। लेकिन बाउंट्री वॉल के नाम पर सब कुछ अधूरा ही छोड़ दिया गया है। ऐसा नहीं है कि स्कूल चालू नहीं है, बच्चे नहीं हैं या फिर शिक्षक नहीं हैं। सब कुछ है किंतु नौनिहालों के लिए स्कूल की बिल्डिंग का कुछ पता ही नहीं है। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं, कि स्कूल की बिल्डिंग बनने का काम भी रुक गया है। यहाँ पढ़नेवाले मासूम खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करते हैं। बारिश या धूप होने पर एक ही क्लासरूम में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाने पर शिक्षक भी मजबूर रहते हैं। बेसिक शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस सरकारी स्कूल को देखने के बाद लग जाता है। प्रदेश सरकार अयोध्या के चौमुखी विकास को लेकर भले ही सख्त हो, लेकिन अयोध्या के इन स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के सिर पर न छत है और न ही शौचालय। बच्चों को साफ पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है। जब बारिश होती है, तो यह बच्चे आस-पड़ोस के मकानों के छज्जे के नीचे पनाह लेते हैं।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल की शिक्षिका शिखा श्रीवास्तव बताती हैं, कि 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक कमरा है। स्कूल में न बाउंड्री है और न ही शौचालय। कोरोना काल के पहले से बिल्डिंग के निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। आधे-अधूरे में ही इसे बंद कर दिया गया। वहीं स्कूल के ही शिक्षक जिया साहब बताते हैं, कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत जो मूलभूत सुविधाएं बच्चों को सरकार मुहैया करा रही है कम से कम वो सुविधाएं तो यहाँ के बच्चों को मिलनी चाहिए।