18 सितंबर। जय किसान आंदोलन व स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने कहा है कि हम 2017 से लगातार मांग उठाते रहे हैं कि हरियाणा सरकार बाजरे की पूरी फसल एमएसपी पर खरीदे जाने का जरूरी नोटिफिकेशन समय रहते जारी करे ताकि बाजरा उत्पादकों के मन में उठती आशंका व चिंता समाप्त हो सके ।
योगेंद्र यादव ने कहा है कि हरियाणा सरकार बाजरे की खरीद को लेकर किसानों को हर साल गुमराह करती रही है, एमएससी पर खरीद का वायदा करके भी नहीं निभाती रही मगर इस साल तो अभी वायदा करने से भी पीछे हट रही है, जिसका परिणाम है कि बाजरा उत्पादकों को एमएससी पर सरकारी खरीद की कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती इसलिए वे मार्किट में प्राइवेट व्यापारियों को बाजरा बेचने को बाध्य हो रहे हैं। इस सब से शंका पैदा होती है कि जब किसान मार्किट में फसल बेच देगा तब सरकार सरकारी खरीद व भावान्तर स्कीम का नोटिफिकेशन जारी कर कुछ व्यापारियों को अनुचित फायदा पहुंचाएगी!
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा ने कहा कि एमएसपी पर बाजरा खरीद की घोषणा न करना व नोटिफिकेशन जारी न किया जाना बताता है कि सरकार किसान की फसल खरीद को लेकर कितनी असंवेदनशील है! पिछले सालों में सरकार एमएसपी पर खरीद की घोषणा पहले से करती रही है मगर इस साल 18 सितंबर तक भी किसान सरकार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं!
दीपक लाम्बा ने कहा कि जिन बाजरा उत्पादकों ने “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है वे भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के दवाब में व सरकार द्वारा एमएसपी पर सरकारी खरीद का वायदा तक न पाकर 1700 रु. से 1850 रु. प्रति क्विंटल पर बाजरा बेचने को मजबूर हैं! उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार हरियाणा में करीब 71000 क्विंटल बाजरा का रजिस्ट्रेशन हुआ है। सरकारी खरीद की घोषणा न होने के चलते अब तक अकेले रेवाड़ी अनाज मंडी में करीब 5000 क्विंटल बाजरा किसान प्राइवेट व्यापारियों को बेच चुका है!