रक्षा कर्मचारी संगठनों ने किया जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

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28 सितंबर। देश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की माँग तेज होती जा रही है। कई राज्य सरकारों द्वारा नई पेंशन योजना खत्म कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने के फैसले के बाद अब केंद्र के कर्मचारी भी इसकी माँग तेज कर रहे हैं। इस कड़ी में केंद्र सरकार में पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए असैनिक रक्षा कर्मचारी संगठन ‘अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ’ (एआईडीईएफ) ने सोमवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुंकार भरी। कर्मियों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, अगर पुरानी पेंशन दोबारा से लागू नहीं की गई, तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और जितेंद्र सिंह के नाम सौंपे एक ज्ञापन में कहा, कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों को पूरी सेवा अवधि के दौरान उनके योगदान के बावजूद बहुत कम पेंशन मिल रही है। ‘वायर’ के अनुसार, एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा, कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन की जरूरत थी, क्योंकि केंद्र ने सैनिकों की भी पेंशन रोकने का फैसला किया है। श्रीकुमार ने कहा, “हम माँग कर रहे थे, कि रक्षा क्षेत्र के असैन्य कर्मचारियों को भी पुरानी योजना के अनुसार पेंशन मिलनी चाहिए, जैसे कि सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों को अभी मिल रही है। लेकिन इसके बजाय, केंद्र ने अनुबंध पर सैनिकों की भर्ती करने का फैसला कर लिया और अग्निपथ योजना शुरू कर दी।”

रक्षा क्षेत्र में लगभग 4 लाख असैन्य कर्मचारी हैं, और 436 यूनियन एआईडीईएफ से संबद्ध हैं। एआईडीईएफ ने अपने ज्ञापन में बताया, कि 18 साल की सेवा के बाद एनपीएस में नामांकित कर्मचारियों को 2500 से 5000 रुपये की मामूली पेंशन मिलती है। अगर वे पुरानी योजना के तहत सेवानिवृत्त होते, तो उन्हें उनके अंतिम वेतन के आधार पर 17,000 या उससे अधिक मासिक पेंशन मिलती। उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा एनपीएस में महंगाई से निपटने के लिए डीए/डीआर मिलता है। पुरानी पेंशन योजना में मूल्य वृद्धि की भरपाई साल में दो बार डीए बढ़ाकर की जाती है।”

यह इंगित करते हुए कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार ने एनपीएस को खत्म करने और पुरानी योजना को बहाल करने का फैसला किया है, ज्ञापन में सुझाव दिया गया है, कि केंद्र को भी यह करना चाहिए। एआईडीएफ ने पूछा, “कई राज्य सरकारें एनपीएस को वापस लेने की प्रक्रिया में हैं। पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जिसने एनपीएस की शुरुआत नहीं की है। अगर राज्य सरकार एनपीएस को वापस ले सकती हैं तो केंद्र सरकार क्यों नहीं? विदित हो, कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2003 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया था और सत्ता से बाहर होने से ठीक एक महीने पहले 1 अप्रैल 2004 को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) शुरू की थी।

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