11 अक्टूबर। इंदौर में छावनी अनाज मंडी में किसानों को तोल और मोल में लूटने की कोशिशों के खिलाफ किसान अब मुखर हो रहे हैं। मंगलवार सुबह जब सोयाबीन की नीलामी शुरू हुई और मंडी कर्मचारियों ने समर्थन मूल्य से दो तिहाई भाव में नीलामी शुरू की तो किसानों ने आपत्ति की। सोयाबीन का समर्थन मूल्य ₹4200 प्रति कुंतल है जबकि मंडी समिति के नीलामी कर्मचारी ने ₹3000 से बोली शुरू की। इस पर किसानों ने आपत्ति की, उनका कहना था कि समर्थन मूल्य से बोली शुरू की जानी चाहिए, फिर व्यापारी कुछ भी बोली लगाएं।
उक्त जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री और महासचिव बबलू जाधव ने बताया किदुधिया के किसान मनोज गुर्जर और उपस्थित अन्य किसानों का कहना था कि मंडी के नीलामी कर्मचारी व्यापारियों से इशारे इशारे में कुछ तय करते हैं और फिर कम भाव से बोली शुरू करते हैं। इसे लेकर किसानों ने विरोध जताया जिसके चलते करीब 3 घंटे मंडी में नीलामी रुकी रही।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि आखिरकार मंडी सचिव के हस्तक्षेप के बाद फिर से नीलामी शुरू हुई। मंडी सचिव नरेश परमार ने नीलामी कर रहे कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस दिया है। इस विरोध के चलते जो सोयाबीन ₹3800 में बिक रहा था वह बाद में ₹4000 प्रति क्विंटल में बिका। हालांकि यह भाव भी समर्थन मूल्य से कम है। इस तरह से आनेवाले दिनों में जब मंडी में आवक बढ़ेगी तो विरोध के स्वर ज्यादा उठेंगे। किसान मोर्चा ने कहा है कि मंडी प्रशासन को अपने मंडी कर्मचारियों पर व्यापारी से मिलीभगत के जो आरोप लग रहे हैं उस पर ध्यान देते हुए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।