16 नवम्बर। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में लामबंद हो रहे हैं। कर्मचारियों की इसी सिलसिले में आज एक बड़ी बैठक आयोजित होने जा रही है। इस बैठक में रोडवेज के कर्मचारी शामिल होंगे। जिसमें आंदोलन की रणनीति पर मंथन होगा। गौरतलब है, कि अभी तक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में 75 प्रतिशत सरकारी बसें और 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र की बसें चलती रही हैं, लेकिन अब योगी सरकार ने इस नियम को बदलते हुए 75 प्रतिशत बसें निजी क्षेत्र की और सरकारी बसें 25 प्रतिशत चलाने का फैसला किया है। इस फैसले पर अमल करने के लिए उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध-निदेशक को एक पत्र भेजा है, और उनसे कहा है, कि 75 प्रतिशत बसें अनुबंधित एवं 25 प्रतिशत बसें परिवहन निगम की यथाशीघ्र चलाई जाएं।
गौरतलब है, कि डेढ़ दशक बाद यूपी सरकार द्वारा एक बार फिर रोडवेज को निजी हाथों में सौंपने की साजिश का पुरजोर विरोध शुरू हो गया है। यूनियन का मानना है, कि सरकार चाहे छंटनी न होने और नौकरियां बरकरार रखने का लाख आश्वासन दे, लेकिन जब 75 फीसदी हिस्सा निजी हाथों में चला जाएगा तो आखिर सबकी नौकरियां कैसे बची रह सकती हैं? इसीलिए परिवहन निगम के कर्मचारी संगठन एकजुट होकर शासन के इस फैसले पर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है।