16 दिसंबर। मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले संविदा कर्मचारियों ने अपनी माँगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। नगर निगम कर्मचारियों के बाद मध्यप्रदेश में अब संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल शुरू हो गई है। कर्मचारी लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि माँगें पूरी नहीं होने तक पूरे प्रदेश में कर्मचारी काम नहीं करेंगे। हड़ताल पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का भी बयान सामने आया है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश मिश्रा का कहना है कि कर्मचारी तीन सूत्री माँगों को लेकर हड़ताल पर हैं। पहली माँग है कि 5 जून 2018 की नीति के अनुसार संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समकक्ष वेतन दिया जाए और नियमतीकरण किया जाए। सपोर्ट स्टाफ और निष्कासित किए गए कर्मचारियों की बहाली की जाए। सालों से संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाए। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि पिछले 15 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाए। तीन माँगें पूरी नहीं होने तक कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि हड़ताल से कामकाज प्रभावित नहीं होने वाला है। हमारी सरकार संवाद स्थापित करने वाली सरकार है। हर वर्ग के कल्याण और समस्याओं के समाधान करती रही है। किसी भी वर्ग से सरकार की संवादहीनता नहीं है। अगर कर्मचारियों को कोई दिक्कत है, तो विभाग और संबंधित अधिकारी कर्मचारियों से बातचीत करेंगे।
(‘मेहनतकश’ से साभार)