16 दिसंबर। पिछले कुछ वर्षों से भारत में साइबर हमलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस साल भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम द्वारा नवंबर तक रिपोर्ट की गई और ट्रैक की गई साइबर हमलों की कुल संख्या 12,67,564 है। 2018 में ऐसी घटनाओं की संख्या 2,08,456 थी, जो 2019 में बढ़कर 3,94,4990 तथा 2020 में 11,58,208 और 2021 में 14,02,809 हो गई। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक लिखित जवाब में लोकसभा में यह जानकारी दी।
राजीव चंद्रशेखर द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आँकड़ों के मुताबिक, 2017 में अप्रैल से दिसंबर तक साइबर अटैक की 41,378 घटनाएं सामने आई थीं। इसके बाद ये बढ़कर 2018 में 2,08,456 और 2019 में 3,94,499 तथा 2020 में 11,58,208 व 2021 में 14,02,809 हो गईं। इस साल नवंबर तक इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा ट्रैक और रिपोर्ट की गई कुल संख्या 12,67,564 है।
एक दूसरे सवाल के जवाब में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुआयामी स्तर पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में प्रतिदिन बड़ी संख्या में साइबर हमले होते हैं, लेकिन ज्यादातर को रोक दिया जाता है। उन्होंने बताया, कि साइबर अटैक रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। डिजिटल अर्थव्यवस्था में सरकार से जुड़े तत्त्वों और सरकार से इतर तत्त्वों से जिस तरह के खतरे होते हैं, उसको लेकर समग्र काम चल रहा है। दिल्ली एम्स के सर्वर हैक करने के पीछे चीन की साजिश थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह खुलासा किया। उन्होंने बताया, कि हैकर्स ने 100 सर्वर में से पाँच को हैक कर लिया था। इन पाँचों सर्वर से डेटा निकाल लिया गया है।
विदित हो, कि देश में इंटरनेट का इस्तेमाल काफी तेजी से हो रहा है। मानो इंटरनेट के बिना कोई भी काम अधूरा है। लेकिन इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लगभग सभी यूजर्स ये भी जानते हैं, कि वो कितनी तेजी के साथ साइबर सिक्योरिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं। कई यूजर्स को स्मार्टफोन, इंटरनेट और ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल करते वक्त फ्रॉड का सामना करना पड़ रहा है।