ललितपुर में मुआवजे को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन

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30 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में सिंचाई विभाग के मुख्य गेट पर किसान धरना दे रहे हैं। जिसके बाद सिंचाई विभाग और किसानों के बीच तीखी बहस हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीण मुआवजे की माँग कर रहे हैं, जो भावनी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र का मामला है। 2014 से किसान लगातार माउजर के लिए माँग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। विदित हो, कि पूरा मामला सिंचाई विभाग के मुख्य गेट का है, जहाँ किसानों ने मुआवजे को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। इस प्रदर्शन को देख सिंचाई विभाग के कर्मचारी बाहर आ गए। जिसके बाद दोनों तरफ तीखी बहस हुई और सिंचाई विभाग के कर्मचारी फिर चले गए।

भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के अध्यक्ष सुनील शर्मा के नेतृत्व में जनपद मुख्यालय आए किसानों ने जिलाधिकारी को बताया कि भावनी बांध परियोजना में प्रभावित अधिकतर गाँव के किसान संघ सिंचाई विभाग अधिकारियों ने बड़ा धोखा किया। पहले किसानों को हर चीज के भुगतान का भरोसा दिलाकर भूमि की रजिस्ट्री के लिए कहते रहे लेकिन बैनामा होने के बाद जमीन डूबते ही किसान से परिसंपत्तियों पेड़, बंदी और मुआवजा का खसरा माँग रहे हैं। अब किसान खसरा तैयार नहीं कर सकता है। सिंचाई अफसरों के कारण किसानों को बड़ा नुकसान होने की संभावना है। नए अधिग्रहण कानून 2013 के हिसाब से किसानों को शेष अनुपूरक राशि मिलनी चाहिए। भावनी बांध पूर्ण क्षमता से नहीं भरे जाने के बावजूद कुआं, मंदिर, टपरा व भवन डूबने लगे हैं।


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